सीमांत मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल, लखनऊ में “नशा मुक्त भारत पखवाड़ा” के अंतर्गत जागरूकता कार्यशाला का आयोजन

लखनऊ, जून 2025: "नशा मुक्त भारत पखवाड़ा" (12 से 26 जून 2025) के अंतर्गत सीमांत मुख्यालय, सशस्त्र सीमा बल (SSB), लखनऊ में नशीले पदार्थों के दुष्प्रभाव और उनसे निपटने की रणनीतियों पर केंद्रित एक विशेष जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम महानिरीक्षक श्री रत्न संजय (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ उप-महानिरीक्षक एस.डी. शेरखाने ने किया, जिन्होंने मादक पदार्थों जैसे चरस, गांजा, हेरोइन आदि की प्रकृति और प्रभावों पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि व वक्ता
कार्यक्रम में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), लखनऊ से दो प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे:
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श्री कुल प्रकाश सिद्धार्थ, सहायक निदेशक
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श्री चंद्रशेखर कुमार सिंह, अधीक्षक
श्री सिद्धार्थ ने नशे की ओर युवाओं के आकर्षण के मनोवैज्ञानिक कारणों जैसे अस्वीकार्यता, तनाव और जिज्ञासा पर विचार साझा किए, और बताया कि सतर्कता, संवाद और सामाजिक भागीदारी से इससे बचाव संभव है।
वहीं श्री चंद्रशेखर कुमार सिंह ने मादक पदार्थों के वर्गीकरण, पहचान की विधियों, और NDPS अधिनियम 1985 की प्रमुख धाराओं की जानकारी दी। उन्होंने प्राकृतिक, अर्ध-कृत्रिम, कृत्रिम और औषधीय ड्रग्स की श्रेणियों को स्पष्ट किया।
नारकोटिक्स विरोधी अभियानों पर प्रस्तुति:
कमांडेंट (प्रचालन) श्री विकास सिंह ने SSB द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर चलाए जा रहे नारकोटिक्स रोधी अभियानों की झलक साझा की। इसके साथ ही कमांडेंट डॉ. ए.के. सिन्हा ने ड्रग प्रीकर्सर, वेटरनरी दवाओं के दुरुपयोग और मादक पदार्थों के वैज्ञानिक वर्गीकरण पर रोशनी डाली।
समापन सत्र:
कार्यशाला का समापन उप-महानिरीक्षक श्री जगदीप पाल सिंह के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुआ। उन्होंने कहा, "नशा केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की चेतना को प्रभावित करने वाली समस्या है। इसे रोकने के लिए सामूहिक संकल्प और सहभागिता ही रास्ता है।"
उन्होंने परिवार, सुरक्षा बल और समाज की साझा जिम्मेदारी पर बल देते हुए नशा मुक्त भारत की दिशा में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।
सहभागी और संकल्प:
इस अवसर पर उप-महानिरीक्षक श्री एन.के. प्रसाद, श्री राजेश ठाकुर, श्री एस.डी. शेरखाने, समेत SSB लखनऊ के अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी एवं जवान उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर नशा-मुक्त भारत के निर्माण में सहभागी बनने का संकल्प लिया।