डबल इंजन की सरकार में अयोध्या एयरपोर्ट ने भरी उड़ान
लोकार्पण के दो वर्ष पूरे, सात लाख से अधिक यात्रियों का हुआ आवागमन
सुविधाओं के मामले में अव्वल, यात्री संतुष्टि में भी शीर्ष पर
आज भी एयरपोर्ट से 22 विमानों का हो रहा नियमित संचालन
अयोध्या, 30 दिसंबर। भगवान श्रीराम की पावन नगरी अयोध्या आज विकास की नई ऊँचाइयों को छू रही है। महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को संचालन में आए दो वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। 30 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पित यह एयरपोर्ट, राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले राष्ट्र को समर्पित किया गया था।
बीते दो वर्षों में एयरपोर्ट ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। अब तक कुल 7,85,412 यात्रियों ने यहां से आगमन और प्रस्थान किया है। हाल ही में सीएसआई (कस्टमर सैटिस्फैक्शन इंडेक्स) द्वारा जारी रैंकिंग में अयोध्या एयरपोर्ट को यात्री सुविधाओं और संतुष्टि के मामले में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त हुआ है।
यह एयरपोर्ट न केवल आधुनिक अवसंरचना का प्रतीक है, बल्कि डबल इंजन सरकार की दूरदर्शी नीतियों का सशक्त उदाहरण भी है। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या को वैश्विक मानचित्र पर एक नई पहचान मिली है। पर्यटन, व्यापार और धार्मिक यात्राओं को इससे अभूतपूर्व गति मिली है।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से मिली आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ-साथ एयरपोर्ट ने आर्थिक और सामाजिक विकास को भी पंख दिए हैं। उद्घाटन के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अयोध्या आधुनिक भारत का प्रतीक बनेगी—आज यह कथन साकार होता दिख रहा है।
अब भी 22 उड़ानों का हो रहा संचालन
एयरपोर्ट के संचालन की शुरुआत के साथ कुल 28 उड़ानें (आगमन एवं प्रस्थान) शुरू की गई थीं। वर्तमान में 22 उड़ानों का नियमित संचालन हो रहा है, जो दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख महानगरों से अयोध्या को जोड़ती हैं।
कुछ एयरलाइनों द्वारा दरभंगा, कोलकाता, पटना और जयपुर रूट्स पर उड़ानें प्रचालनात्मक कारणों से अस्थायी रूप से रोकी गई हैं, लेकिन डबल इंजन सरकार की सक्रिय पहल से इन्हें शीघ्र पुनः शुरू किए जाने की योजना है। इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइंस यहां नियमित सेवाएं दे रही हैं, जिससे कनेक्टिविटी लगातार मजबूत हो रही है।
यात्रियों के लिए सुविधाओं का खुला पिटारा
एयरपोर्ट पर यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। यहां
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आधुनिक पार्किंग सुविधा
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प्री-पेड टैक्सी काउंटर
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ओला-उबर कैब सेवा
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उपहार एवं मिठाई की दुकानें
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फूड एंड बेवरेज आउटलेट्स
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फूड कोर्ट
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बिजनेस लाउंज
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गोल्फ कार्ट सेवा
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निःशुल्क वाई-फाई
जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का अनुभव प्रदान करती हैं।
सालाना 10 लाख यात्रियों की क्षमता
एयरपोर्ट का प्रथम चरण लगभग 1450 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण हुआ है। टर्मिनल बिल्डिंग का क्षेत्रफल 6500 वर्ग मीटर है, जो सालाना 10 लाख यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है। एयरपोर्ट की डिजाइन रामायण थीम पर आधारित है, जहां पारंपरिक भारतीय वास्तुकला और दीवारों पर अंकित रामायण के दृश्य यात्रियों को सांस्कृतिक विरासत से जोड़ते हैं।इस परियोजना में केंद्र सरकार ने फंडिंग और तकनीकी सहयोग प्रदान किया, जबकि राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण और स्थानीय विकास को सुनिश्चित किया।
विस्तार प्रक्रियाधीन, भविष्य में शुरू होंगी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें
एयरपोर्ट निदेशक धीरेंद्र सिंह के अनुसार, अयोध्या एयरपोर्ट ने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी को नई दिशा दी है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिला है, व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आई है और धार्मिक यात्राएं पहले से कहीं अधिक सुगम हुई हैं।
एयरपोर्ट और आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए हैं। होटल, रेस्टोरेंट और टूरिज्म आधारित व्यवसाय तेजी से विकसित हो रहे हैं। प्रथम चरण की सफलता के बाद अब एयरपोर्ट विस्तार की प्रक्रिया जारी है। भविष्य की योजनाओं में टर्मिनल क्षमता बढ़ाना, यात्री सुविधाओं का और विस्तार, व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देना तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत शामिल है। इससे अयोध्या आने वाले वर्षों में वैश्विक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा।
