मेदांता लखनऊ में ‘बैक टू लाइफ’ जागरूकता कार्यक्रम, 200 से अधिक लोगों ने लिया भाग
लखनऊ | 17 दिसंबर, 2025 मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ में बुधवार को रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी को लेकर एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शीर्षक ‘बैक टू लाइफ’ रखा गया, जिसका उद्देश्य लोगों को यह जानकारी देना था कि रोबोटिक तकनीक से की जाने वाली घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
इस कार्यक्रम में 200 से अधिक लोग उपस्थित रहे, जिनमें चिकित्सक, घुटना प्रत्यारोपण करा चुके मरीज और उनके परिजन शामिल थे। इस अवसर पर मेदांता हॉस्पिटल में एक मीट एंड ग्रीट समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें मरीजों, उनके परिवारजनों, डॉक्टरों और हॉस्पिटल स्टाफ ने सहभागिता की।
मरीजों ने साझा किए अनुभव, कहा—अब जिंदगी हुई आसान
समारोह के दौरान मरीजों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि रोबोटिक घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि अब वे बिना दर्द के चल-फिर पा रहे हैं और बाजार जाना, साइकिल चलाना, स्कूटी या कार चलाना जैसे रोज़मर्रा के कार्य आसानी से कर पा रहे हैं। मरीजों ने इसे अपने जीवन की नई शुरुआत बताया।
रोबोटिक सर्जरी सुरक्षित और अत्यंत सटीक: डॉ. धर्मेंद्र सिंह
कार्यक्रम की शुरुआत में मेदांता हॉस्पिटल के आर्थोपैडिक एवं रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने लोगों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी एक सुरक्षित, आधुनिक और प्रभावशाली तकनीक है, जिससे घुटने का एलाइनमेंट बेहद सटीक तरीके से किया जाता है।
डॉ. सिंह ने कहा कि इस तकनीक के माध्यम से मरीजों को दर्द से राहत मिलती है और वे फिर से आत्मनिर्भर, सक्रिय और सम्मानजनक जीवन जीने में सक्षम होते हैं।
ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ितों के लिए वरदान
डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि जो लोग ऑस्टियोआर्थराइटिस से पीड़ित हैं या वर्षों से लगातार जोड़ों के दर्द से जूझ रहे हैं, उनके लिए रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक दर्द सहने के कारण मरीजों की दैनिक स्वतंत्रता खत्म होने लगती है और वे दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं, लेकिन यह सर्जरी उन्हें दर्द से राहत देकर फिर से स्वतंत्र जीवन जीने का अवसर प्रदान करती है।
80–85 वर्ष के मरीज बने कार्यक्रम का आकर्षण
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वे मरीज रहे जिनकी उम्र 80 से 85 वर्ष के बीच थी। सफल रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद इन बुजुर्ग मरीजों को चलते-फिरते देखकर उपस्थित लोग काफी प्रेरित हुए। यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि सही तकनीक और विशेषज्ञ उपचार से उम्र अब सर्जरी में बाधा नहीं रही।
