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बनवासियों ने एकजुट होकर आक्रांतांओं का किया था विरोध: हरीश

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय बनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत सम्पर्क प्रमुख हरीश त्रिपाठी ने कहा कि बलरामपुर में निवास कर रहे थारू जनजातिय समाज के लोग मुगलकाल में हिंदू राजाओं के साथ मिलकर आताताइयों का जमकर विरोध व उनका मुकाबला किया था। इन लोगों ने विस्थापित जीवन व्यतीत करना स्वीकार किया, किन्तु बनवासियों ने धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया। कहा कि थारू संस्कृति का बचाना और उसे जीवंत रखना आज हमारे सामने एक चुनौती है। उन्होंने बताया कि दस करोड़ से अधिक जनजाति समुदाय के लोग नदियों, पहाड़ों व जंगलों से सटे क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं।
इसके अलावा उन्होंने भारत के अतीत और वर्तमान पर भी प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि मेडिकल कॉलेज बलरामपुर के प्राचार्य डॉ राजेश कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि बनवासियों का हमारे इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान है। भगवान राम को भी विजय दिलाने में बनवासियों का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने बनवासी छात्रावास की व्यवस्था की सराहना की। बनवासी कल्याण आश्रम के महामंत्री इंदुभूषण जायसवाल एवं डॉ राजीव रंजन ने जनजातिय समस्याओं को इंगित करते हुए उनके विकास के लिए समाज को जोड़ने जैसे विषय पर महत्व देते हुए अपना वक्तव्य दिया।
कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। स्थानीय बनवासी छात्रावास के विभाग संगठन मंत्री सचिन ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ल, डॉ राजेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ कौशिल्या गुप्ता, डॉ एमपी तिवारी, बीडी जायसवाल, डॉ सतीश सिंह, आद्या सिंह, डॉ अजय सिंह पिंकू, सर्वेश सिंह, डॉ चन्द्र प्रकाश सिंह, रमेश पहवा, सुधीर श्रीवास्तव, विजय श्रीवास्तव सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे।