bangladesh vs pakistan t20 : बांग्लादेश ने रचा इतिहास: पाकिस्तान को पहली बार T20I सीरीज में दी मात, शर्मनाक प्रदर्शन पर उठे सवाल
Bangladesh created history: Defeated Pakistan for the first time in T20I series, questions raised on shameful performance
Wed, 23 Jul 2025
Bangladesh vs Pakistan : बांग्लादेश ने क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए पहली बार पाकिस्तान को T20 अंतरराष्ट्रीय (T20I) सीरीज में शिकस्त दी है। तीन मैचों की इस सीरीज में बांग्लादेश ने शुरुआती दो मुकाबले जीतकर 2-0 की अजेय बढ़त बना ली, जिससे पाकिस्तान की नाकामी और भी ज्यादा उजागर हो गई
बल्ले से नहीं, बयानबाज़ी से लड़ने वाली टीम?
जिस टीम से यह उम्मीद की जाती है कि वह विश्व मंच पर प्रदर्शन कर विरोधियों को चुनौती दे, वही टीम जब बांग्लादेश जैसी अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाने वाली टीम के खिलाफ संघर्ष करती दिखाई दे, तो सवाल उठना लाज़मी है। पाकिस्तान की हालत फिलहाल ऐसी हो गई है कि न रन बन रहे हैं और न ही रुतबा बचा है।
दूसरे T20 मुकाबले में पाकिस्तान को जीत के लिए महज़ 134 रनों का लक्ष्य मिला था — एक ऐसा स्कोर जिसे आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत टीम आसानी से हासिल कर लेती है। लेकिन पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों की हालत इतनी खराब रही कि उन्होंने केवल 4.4 ओवर में 15 रन पर अपने 5 विकेट गंवा दिए। यह प्रदर्शन किसी इंटरनेशनल टीम से कम और क्लब क्रिकेट जैसी स्थिति अधिक लग रही थी।
फहीम अशरफ ने बचाई थोड़ी-बहुत लाज
हालात उस हद तक गिर गए कि 10 ओवर पूरे होने से पहले पाकिस्तान 6 विकेट खोकर सिर्फ़ 30 रन बना पाया था। अगर फहीम अशरफ ने 32 गेंदों में 4 चौके और 4 छक्के जड़ते हुए 51 रनों की बहादुरी भरी पारी न खेली होती, तो यह हार कहीं ज्यादा शर्मनाक होती। उनके प्रयास से ही पाकिस्तान का स्कोर किसी तरह 125 तक पहुंच सका, लेकिन बांग्लादेश ने यह मुकाबला 8 रनों से जीत लिया।
इतिहास की बड़ी जीत
इस जीत के साथ बांग्लादेश ने पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ T20I सीरीज अपने नाम की — एक ऐसा कारनामा जो अब तक संभव नहीं हो पाया था। यह जीत केवल एक सीरीज नहीं, बल्कि बांग्लादेशी क्रिकेट के आत्मविश्वास और निरंतर प्रगति की गवाही है।
पाकिस्तान पर गंभीर सवाल
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो टीम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थिर प्रदर्शन नहीं दे पा रही, क्या उसे बड़े-बड़े दावे करना शोभा देता है? क्योंकि सच्चाई यही है — जब बल्ला खामोश हो, तो बयानबाज़ी केवल मज़ाक लगती है।
