बैंक ऑफ बड़ौदा गेट पर बैंक कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन, 02 दिवसीय हड़ताल की चेतावनी

Bank employees protest at Bank of Baroda gate, warn of 2-day strike
 
Bank employees protest at Bank of Baroda gate, warn of 2-day strike
हरदोई(अम्बरीष कुमार सक्सेना) नई भर्ती और 5 दिवसीय बैंकिंग की माँग को लेकर आंदोलनरत बैंककर्मियों ने शुक्रवार शाम बैंक ऑफ बड़ौदा पर विरोध प्रदर्शन किया। अपनी माँगो को लेकर  एक लंबे आंदोलन की रूपरेखा लेकर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने विरोध प्रदर्शनों के अलावा बैंक शाखाओं पर पोस्टर लगाने, ड्यूटी पर काला फीता बाँधने, एक्स ट्वीटर कैम्पेन, 03 मार्च को दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना व 24 -25 मार्च को दो दिवसीय देशव्यापी बैंक हड़ताल का कार्यक्रम तय किया है। शहर की विभिन्न बैंकों के अधिकारी व कर्मचारी शुक्रवार को कार्य दिवस की समाप्ति पर एसपी आफिस रोड़, कचेहरी तिराहा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की मुख्य शाखा पर इकट्ठे हुए। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले बैंककर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में जोरदार नारेबाजी की। युनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के स्थानीय संयोजक आर के पाण्डेय ने प्रदर्शनकारी बैंक कर्मियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि सभी रिक्त पदों को भरा जाए और अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। पाँच दिवसीय बैंकिंग सप्ताह: पूरे बैंकिंग क्षेत्र में 5-दिवसीय कार्य प्रणाली लागू की जाए। 

कर्मचारी संगठन एनसीबीई के पवन मिश्रा ने कहा कि बैंक कर्मियों को ग्राहकों द्वारा उत्पीड़न और हमलों से कानूनी संरक्षण मिले। वित्तीय सेवा विभाग के प्रदर्शन मूल्यांकन और पीएलआई संबंधित निर्देशों को रद्द किया जाए, जो कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और सार्वजनिक बैंकों की स्वायत्तता को प्रभावित कर रहे हैं। अधिकारी संगठन एबाक के आशीष मिश्रा ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में श्रमिक/अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति की जाए। ₹25 लाख तक की ग्रेच्युटी कर मुक्त की जाए, जैसा कि सरकारी कर्मचारियों को मिलता है। अधिकारी संगठन नोबो के हर्षित गुप्ता ने कहा कि कल्याणकारी लाभों पर कर छूट: स्टाफ वेलफेयर बेनिफिट पर कर नहीं लगाया जाए और इसका भार बैंक वहन करें। 

यूपीबीईयू के जिलामंत्री अजय मेहरोत्रा ने कहा कि इंडियन बैंक एसोसिएशन के साथ लंबित मांगों पर चर्चा कर समाधान निकाला जाए। यूपीबीईयू जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश पांडे ने कहा कि स्थायी नौकरियों के स्थान पर आउटसोर्सिंस बन्द हो। श्रम विरोधी और भेदभावपूर्ण नीतियां बन्द हो। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से वर्षा मेहरोत्रा, कौशलेंद्र शुक्ल, अनादि ब्रम्ह, वीर बहादुर सिंह, आनंद वर्मा, रानी देवी, संदीप कुमार, संतोष, व्रज कुमार, सुभाष पांडे, आकाश अरोड़ा, अनिल कुमार, धर्मेंद्र, ऋचा शर्मा, सोनू, अमित पांडे, हिमांशु सिंह, अखंड प्रताप सिंह, आदित्य, विपिन गुप्ता, कैलाश गुप्ता, सत्य प्रकाश सिंह शामिल रहे।

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