ओवैसी का तंज बना बिहार चुनाव 2025 का सबसे हॉट टॉपिक — पीएम मोदी, नीतीश और लालू पर तीखा वार

 
Bihar Elections 2025: Owaisi's Savage Taunt – "Modi's Heart in Ahmedabad, Nitish in Rajgir, Lalu in His Son!" | Full Analysis

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का वो तंज, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जी हां, मुंगेर की रैली में ओवैसी ने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार और RJD चीफ लालू प्रसाद यादव पर ऐसा कटाक्ष किया कि पूरा बिहार गूंज उठा। उनका कहना था - "पीएम मोदी का दिल अहमदाबाद में बसता है, नीतीश का राजगीर में और लालू का बेटे में बसता है।" ये सिर्फ एक लाइन नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति के गलियारों में छिपी सच्चाइयों का आईना है। इस वीडियो में हम न सिर्फ इस तंज का पूरा बैकग्राउंड बताएंगे, बल्कि ओवैसी की पूरी स्पीच के बारें में जानेंगे, बिहार चुनाव के सियासी समीकरणों को समझेंगे और ये भी देखेंगे कि ये बयान NDA और महागठबंधन के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है। 

 बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है। छठ पूजा के ठीक बाद, 28 अक्टूबर 2025 को मुंगेर जिले में AIMIM के प्रत्याशी मोनाजिर हसन के समर्थन में एक विशाल जनसभा हुई। यहां AIMIM चीफ ओवैसी ने न सिर्फ NDA और महागठबंधन पर हमला बोला, बल्कि बिहार की जनता से सीधा सवाल किया - "आखिर बिहार की जनता का दिल कहां बसता है?" बिहार की सियासत हमेशा से ही गठबंधनों की बाजीगरी पर टिकी रही है। NDA में BJP, JDU और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, जबकि महागठबंधन में RJD, कांग्रेस और वाम दल। लेकिन AIMIM की एंट्री ने मुस्लिम वोटबैंक को बांटने का खतरा पैदा कर दिया है। बिहार में 17% मुस्लिम आबादी है, जो सीमांचल से लेकर मुंगेर तक फैली हुई है। ओवैसी का ये तंज इसी वोटबैंक को टारगेट करते हुए आया है। पिछले चुनावों में AIMIM ने सीमांचल की कुछ सीटों पर दांव खेला था, और इस बार वो 6-8 सीटों पर फोकस कर रही है। महागठबंधन ने AIMIM को गठबंधन में जगह न देकर, मुस्लिम वोटों को एकजुट रखने की कोशिश की, लेकिन ओवैसी इसे "लॉलीपॉप" बता रहे हैं। अब सवाल ये है - क्या ये तंज बिहार की सियासत को नया मोड़ देगा?

चलिए अब आते हैं main पॉइंट पर। मुंगेर के चरवाहा विद्यालय परिसर में हजारों की भीड़ के बीच ओवैसी ने मंच संभाला। उनकी स्पीच की शुरुआत ही धमाकेदार थी। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी का दिल अहमदाबाद में बसता है - गुजरात की राजनीति और BJP की मशीनरी में। नीतीश कुमार का दिल राजगीर में धड़कता है - वो अंतरराष्ट्रीय ध्यान केंद्र, जहां वो अपने 'विशेष' प्रोजेक्ट्स में व्यस्त रहते हैं। और लालू प्रसाद यादव का दिल अपने बेटे तेजस्वी में बसता है - परिवारवाद की जड़ें इतनी गहरी हैं कि बिहार की जनता भूल ही जाती है।"ये लाइनें बोलते ही सभा में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी। ओवैसी ने आगे कहा, "नीतीश 20 साल से सत्ता में हैं, लेकिन बिहार के गांव-गांव में विकास का नामोनिशान नहीं। राजगीर में पैसा बहाते हैं, लेकिन मुंगेर के किसान भूखे मर रहे हैं। लालू-राबड़ी के 15 सालों में जंगलराज था, और आज भी वैसा ही है। मोदी जी दिल्ली से बिहार आते हैं, लेकिन उनका दिल तो अहमदाबाद में ही अटका है - CAA-NRC जैसे मुद्दों पर मुसलमानों को डराने का काम करते हैं।"ओवैसी का तंज सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सिस्टमेटिक हमला था। 

उन्होंने मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, "17% आबादी वाले मुसलमानों को न CM बनने दिया जाता है, न डिप्टी CM। 3% मल्लाह समाज का बेटा डिप्टी CM का फेस बन जाता है, 14% यादवों को 36% टिकट, लेकिन हमारा हक? सिर्फ वोट मांगना और भूल जाना।" ये बातें गोपालगंज की रैली में भी दोहराई गईं, जहां ओवैसी ने कहा, "आजम का बेटा भी CM बनेगा,  ये तंज क्यों वायरल हो गया? क्योंकि ये बिहार के आम आदमी की फ्रस्ट्रेशन को छूता है। परिवारवाद, क्षेत्रवाद और दिल्ली-केंद्रित राजनीति - ये सब मुद्दे बिहार के वोटरों को सालते रहे हैं। ओवैसी ने इसे मुस्लिम एंगल से पेश किया, लेकिन असर पूरे समाज पर पड़ेगा।

 पीएम मोदी का 'अहमदाबाद' वाला तंज BJP को निशाना बनाता है, जो बिहार में नीतीश पर निर्भर है। BJP को लगता है कि मुस्लिम वोट पोलराइजेशन से हिंदू वोट एकजुट होंगे, लेकिन ओवैसी की एंट्री से वो कैलकुलेशन बिगड़ सकता है। मुंगेर जैसी सीटें, जहां मुस्लिम वोटर निर्णायक हैं, AIMIM के पक्ष में झुक सकती हैं।महागठबंधन के लिए तो ये तीर दिल में लगा है। लालू का 'बेटे में दिल' वाला कमेंट परिवारवाद पर सीधा प्रहार है। तेजस्वी को डिप्टी CM का फेस बनाया गया है, लेकिन ओवैसी कहते हैं - "3% वाला डिप्टी CM, तो 17% वाला क्यों नहीं?" RJD ने AIMIM को सिर्फ 6 सीटें ऑफर कीं, जो ठुकरा दी गईं। अब महागठबंधन के मुस्लिम वोट स्प्लिट हो सकते हैं, खासकर सीमांचल में। ओवैसी की स्ट्रैटेजी क्लियर है - मुस्लिम लीडरशिप को मजबूत करना। उन्होंने कहा, "तुमने सीमांचल में मुस्लिम लीडर्स पैदा किए, इसलिए मोदी-शाह, नीतीश-लालू सब परेशान हैं।" ये बयान पाला बदलने वाले नेताओं पर भी था - "मोदी के सामने नाचने को तैयार हो जाते हो।" कुल मिलाकर, AIMIM तीसरा खंभा बनकर उभर रही है, जो बिहार की सियासत को ट्राय-पोलर बना सकता है।

ओवैसी का ये बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। ट्विटर पर #OwaisiTauntBihar ट्रेंड कर रहा है।  वहीं, BJP समर्थक इसे "मुस्लिम वोटबैंक पॉलिटिक्स" बता रहे हैं। RJD वर्कर्स ने काउंटर देते हुए कहा, "ओवैसी खुद हैदराबाद से आते हैं, बिहार क्या जानें?" मुंगेर की सभा में मौजूद लोगों का रिएक्शन जबरदस्त था - तालियां, नारे, और AIMIM के झंडे लहराते हुए। लेकिन सवाल ये है - क्या ये उत्साह वोटों में बदल पाएगा ? पोल्स के मुताबिक, मुस्लिम वोट 70% महागठबंधन को जाते हैं, लेकिन ओवैसी 10-15% काट सकते हैं।

ओवैसी का तंज बिहार चुनाव को और रोमांचक बना देगा। ये सिर्फ एक जोक नहीं, बल्कि सत्ता के मोह, परिवारवाद और क्षेत्रीय पूर्वाग्रहों पर सवाल है। बिहार की जनता अब फैसला करेगी - क्या वो दिल्ली, अहमदाबाद या राजगीर के दिलों को चुनेंगी, या अपना खुद का दिल? AIMIM की ये स्ट्रैटेजी सफल होगी या नहीं, आने वाले दिनों में पता चलेगा।आपकी क्या राय है? कमेंट्स में बताएं - ओवैसी सही कह रहे हैं या ये महज वोटबैंक गेम? 

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