क्या सच में नुसरत परवीन ने नौकरी छोड़ दी? बिहार हिजाब विवाद में नया मोड़

 
 Bihar Hijab Controversy: Batchmate Reveals Truth About Nusrat Parveen After Nitish Kumar Video Goes Viral

क्या सच में नुसरत परवीन ने नौकरी छोड़ दी? बिहार हिजाब विवाद में नया मोड़

बिहार की राजनीति से जुड़ा हिजाब विवाद अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े इस पूरे मामले पर लगातार चर्चाएं हो रही हैं। हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक महिला का हिजाब हटाने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया। वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।

इस पूरे विवाद के केंद्र में बिहार सरकार में कार्यरत डॉक्टर नुसरत परवीन हैं। वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा तेज हो गई थी कि नुसरत परवीन इस घटना से आहत हैं और इसी वजह से वे बिहार सरकार की नौकरी छोड़कर पश्चिम बंगाल जा सकती हैं। यहां तक कि कुछ लोगों ने यह भी दावा कर दिया कि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है।

हालांकि, अब इस मामले में एक नया खुलासा सामने आया है, जिसने इन तमाम अटकलों पर फिलहाल विराम लगा दिया है। नुसरत परवीन की बैचमेट और करीबी सहेली बिलकिस परवीन ने इस पूरे मामले पर बयान देकर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि नुसरत परवीन बहुत जल्द, संभव है कि अगले ही दिन, अपनी ड्यूटी दोबारा जॉइन करने वाली हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जॉइनिंग की सटीक तारीख की जानकारी नहीं है, लेकिन जो सूचना उनके पास है, उसके मुताबिक नुसरत परवीन अपनी नौकरी जारी रखेंगी।

बिलकिस परवीन ने यह भी कहा कि नुसरत परवीन हमेशा हिजाब और पर्दे में रहती रही हैं और यह बात किसी से छिपी नहीं है। उनके अनुसार, वीडियो में जो कुछ भी हुआ, वह सही नहीं था क्योंकि किसी को भी दूसरे व्यक्ति के शरीर को छूने का अधिकार नहीं है, चाहे वह प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष। उनके इस बयान से साफ है कि वे अपनी दोस्त के साथ खड़ी हैं और इस घटना को अनुचित मानती हैं।

इस बीच एक अहम बात यह भी है कि अब तक न तो नुसरत परवीन और न ही उनके परिवार की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने आया है। उनकी चुप्पी ने इस मामले को और अधिक संवेदनशील बना दिया है। अलग-अलग राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन और सोशल मीडिया यूजर्स इस मुद्दे पर लगातार अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे महिला सम्मान और व्यक्तिगत अधिकारों से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे सुरक्षा प्रोटोकॉल से जुड़ा मामला बता रहे हैं।

इस विवाद पर गवर्नमेंट तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल के प्रिंसिपल महफूज उर रहमान का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उनके अनुसार, मुख्यमंत्री ने हिजाब खींचने की कोशिश नहीं की थी, बल्कि सुरक्षा कारणों से हिजाब हटाने का संकेत दिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि इससे इस्लाम या किसी भी धार्मिक भावना को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।

महफूज उर रहमान ने यह स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा किसी भी मुस्लिम महिला या किसी लड़की को अपमानित करने की नहीं थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरे घटनाक्रम को धार्मिक नहीं, बल्कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। साथ ही यह भी बताया गया है कि यह मामला प्रशासनिक स्तर पर समीक्षा के अधीन है।

फिलहाल स्थिति यह है कि सभी की नजरें डॉ. नुसरत परवीन के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। यह देखना अहम होगा कि वे आधिकारिक रूप से अपनी ड्यूटी जॉइन करती हैं या इस पूरे मामले पर स्वयं कोई बयान जारी करती हैं। जब तक उनका प्रत्यक्ष बयान सामने नहीं आता, तब तक यह हिजाब विवाद राजनीतिक और सामाजिक बहस का मुद्दा बना रहेगा।

यह मामला अब केवल एक वायरल वीडियो तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह महिला सम्मान, धार्मिक पहचान, सुरक्षा प्रोटोकॉल और राजनीतिक जिम्मेदारी जैसे बड़े मुद्दों से जुड़ चुका है। आने वाले दिनों में नुसरत परवीन का रुख और बिहार सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया इस विवाद की दिशा तय करेगी।

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