भाजपा सरकार कर रही अनुसूचित जाति के लोगों का हर मोर्चे पर शोषण : हरीश रावत

अनुसूचित जाति के लोगों के पट्टे बहाल करे सरकार : नेत्रपाल सिंह
 
अनुसूचित जाति के लोगों के पट्टे बहाल करे सरकार : नेत्रपाल सिंह
रुड़की। अनुसूचित जाति पट्टा संरक्षण संघर्ष समिति ने एसडीएम कार्यालय रुड़की में धरना देकर अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के लोगों के हक में आवाज़ बुलंद की। धरने में शामिल उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दलित समुदाय को पूरा समर्थन देते हुए कहा कि राज्य की भाजपा सरकार हर स्तर पर अनुसूचित जाति के लोगों का शोषण कर रही है।
धरना स्थल पर भगवानपुर विधायक विमला राकेश, हरिद्वार ग्रामीण की विधायक अनुपमा रावत और कलीयर विधायक फुरकान अहमद ने भी ग्रामीणों की लड़ाई में पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
समिति के सह-संयोजक नेत्रपाल सिंह अठवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने वर्ष 1974 में भूमिहीन लोगों को जीवन यापन के लिए जमीनों के पट्टे वितरित किए थे। इन भूमि पर लोगों ने करीब 50 वर्षों से खेती कर इन्हें उपजाऊ बनाया है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2016 में हरीश रावत सरकार ने इन पट्टों को मालिकाना हक देने का निर्णय लिया था, लेकिन भाजपा सरकार के सत्ता में आते ही इस आदेश को निरस्त कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप हजारों भूमिहीन परिवार अपनी जमीन से वंचित हो गए हैं।
नेत्रपाल सिंह ने मांग की कि सरकार तुरंत इन पट्टों के निरस्तीकरण को रद्द करे और लाभार्थियों को मालिकाना हक देने का आदेश जारी करे। समिति के संयोजक सुखपाल सिंह जायसवाल ने सरकार के इस फैसले को तानाशाही निर्णय करार दिया, जबकि महामंत्री अर्जुन करनवाल ने घोषणा की कि यह संघर्ष अंतिम पड़ाव तक जारी रहेगा।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि अगर पट्टा निरस्तीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो आने वाले समय में देहरादून के गांधी पार्क में बड़े जन आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
धरने में आसपास के अनेक गांवों से आए ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुटता का संकल्प लिया। सभी विधायकों और नेताओं ने ग्रामीणों के संघर्ष में तन, मन और धन से सहयोग देने का वादा किया।

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