मुख्य अतिथि भाजपा नेत्री फरहा रिज़वी एवं ग़ज़ल गायक मिथिलेश लखनवी की उपस्थिति ने लगाये चार चाँद
मंच की संस्थापिका डॉ. रीमा सिन्हा ने बताया कि करवाचौथ सुहाग एवं आस्था का व्रत है और सुहाग चिन्ह देने से सौभाग्य बढ़ता है। अतः सभी महिलाओं को सुहाग की चुनरी ओढ़ाकर, करवा पूजा के बर्तन एवं मंच का प्रशस्ति पत्र दिया गया। फरहा रिज़वी के हाथों सभी अतिथियों का सम्मान किया गया। इस बीच गीत, कविता एवं परिचर्चा का शानदार दौर चला।
एक ओर जहाँ कवयित्रियों ने करवा पर गीत प्रस्तुत किये वहीं मशहूर ग़ज़ल गायक मिथिलेश लखनवी एवं सुरीला बोल समाचार पत्र के मुख्य संपादक एवं गायक शबाब नूर जी ने फ़िल्मी गीतों का शमा बांधा। मंच के अध्यक्ष श्री अज़ीज़ सिद्दीक़ी की तबियत नासाज़ होने के बाद भी वे निरंतर कार्यक्रम में बने रहे एवं हौसला अफ़ज़ाई करते रहे।नाश्ते एवं चाय की चुस्कीयों के मध्य गीत, कविता, परिचर्चा के कब तीन घंटे बीत गये पता ही न चला। 'हाथों में पूजा की थाली आयी रात सुहागों वाली'गीत गाकर महिलाओं को सुहाग दिया जा रहा था। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का अनूठा शमा दिखा इस आयोजन में।
सम्मानित होने वाली बहनें एवं अतिथियों में डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव, प्रदक्षिणा मिश्रा, डॉ.चंद्रावती, मिठु रॉय, रेखा बोरा, मंशु सिंह, भारती जायसवाल, नीलिमा पुरवार, सीमा वर्मा, रश्मि गुप्ता, पूजा श्रीवास्तव,संध्या श्रीवास्तव,फरहा रिज़वी,मोहम्मद इकराम गुड्डू, जमील मालिक, मुजीब बेग, सरफ़राज़ ज़ाहिद, शबाब नूर, मिथिलेश लखनवी, राकेश सिंह चौहान, श्री श्रीवास्तव, मुश्ताक बेग, श्री सिद्दीक़ी रहे।मंच अध्यक्ष श्री अज़ीज़ सिद्दीक़ी एवं संस्थापिका डॉ रीमा सिन्हा ने कार्यक्रम के अंत में सभी को शुभकामना दी एवं कहा कि हमारा मंच अपने स्तर से साहित्यिक,सामाजिक, सांस्कृतिक आयोजन करवाता है। दो वार्षों में अब तक 12 निःशुल्क आयोजन करने वाली इस संस्था का मुख्य उद्देश्य है साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जागरूकता लाना है।श्री सिद्दीक़ी एवं डॉ रीमा सिन्हा की देख रेख में संस्था नित नये आयाम स्थापित कर रहा है।