BJP MLA asks Muslims to stay inside on Holi :होली पर घर पर ही रहे मुस्लिम
BJP leader controversial statement on muslim

आज हम एक बहुत ही controversial और सियासी बयान के बारे में बात करेंगे,जो हाल ही में बिहार के एक बीजेपी विधायक द्वारा दिया गया। इस बयान ने बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सियासी हलचल मचा दी है। तो चलिए जानते हैं, क्या है इस बयान की पूरी कहानी और इसके पीछे का सियासी खेल।बिहार के बीजेपी विधायक, जो की अपने controversial बयानों के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया जो तेजी से वायरल हो गया। विधायक ने कहा, 'अगर किसी को रंग से दिक्कत है तो उन्हें घरों में ही रहना चाहिए।' इस बयान ने न केवल State में बल्कि पूरे देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है।" बिहार में भाजपा विधायक ने मुस्लिमों से होली पर ‘घर के अंदर रहने’ और ‘हिंदुओं को बिना किसी बाधा के उनका त्योहार मनाने’ देने की बात कहकर सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। इस पर तीखा feedback देते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भाजपा विधायक के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। बता दें कि होली का त्योहार शुक्रवार को है और ये भी है कि रमजान का महीना भी चल रहा है। ऐसे में भाजपा विधायक के बयान ने सियासी पारा हाई कर दिया है।
मधुबनी जिले के बिस्फी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने विधानसभा परिसर में बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मैं मुसलमानों से अपील करना चाहता हूं कि साल में 52 जुमा (शुक्रवार) होते हैं। उनमें से एक जुमे पर होली का त्यौहार पड़ रहा है। इसलिए, उन्हें हिंदुओं को त्योहार मनाने देना चाहिए और अगर उन पर रंग लग जाए तो उन्हें बुरा नहीं मानना चाहिए। अगर उन्हें इससे कोई दिक्कत हो तो उन्हें घरों में ही रहना चाहिए। Communal Harmony बनाए रखने के लिए ये जरूरी है।’’
पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि मुस्लिम रमजान के दौरान रोजा रखते हैं और friday को स्पेशल नमाज पढ़ते हैं तो विधायक ने कहा, ‘‘उनके हमेशा Double standards रहे हैं। वो अबीर-गुलाल बेचने वाले स्टॉल लगाकर, पैसे कमाकर खुश हैं, लेकिन अगर उनके कपड़ों पर कुछ दाग लग जाते हैं, तो उन्हें दोज़ख का डर सताने लगता है।’’इस बयान का सीधा हमला एक समुदाय पर था, जिसमें उन्होंने मुस्लिम समुदाय के बारे में बिना सोचे समझे अपने views express किए। अब सवाल ये है कि आखिर इस बयान के पीछे क्या मकसद था? क्या ये सिर्फ एक नार्मल बयान था या इसके पीछे कोई बड़ी सियासी रणनीति छिपी हुई थी?"इस बयान के सामने आने के बाद, बिहार की राजनीति में भूचाल सा आ गया। विपक्षी दलों ने इस बयान की जमकर निंदा की। कांग्रेस, आरजेडी, और दुसरे दलों ने बीजेपी विधायक के बयान को बेहद offensive और समाज में नफरत फैलाने वाला बताया।"
आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने तो इसे संविधान और समाज की नीतियों के खिलाफ करार दिया। कांग्रेस ने भी इस बयान पर सवाल उठाए और बीजेपी से जवाब मांगा।"हालांकि बीजेपी ने इस बयान से खुद को दूर करते हुए कहा कि ये विधायक काpersonal statement था, और पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है। बीजेपी के कुछ नेताओं ने कहा कि पार्टी ऐसे बयान का समर्थन नहीं करती। लेकिन क्या बीजेपी के अंदर ऐसी मानसिकता को बढ़ावा नहीं मिल रहा? क्या ये पार्टी की रणनीति का हिस्सा है?"इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त बहस छिड़ गई। कुछ लोग विधायक के समर्थन में आए, तो वहीं ज़्यादातर लोग इस बयान को criticise कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #RangSeDikkat का हैशटैग ट्रेंड करने लगा।"कुछ लोग ये मानते हैं कि ऐसे बयानों से समाज में और भी ज्यादा नफरत और फैलती है, जबकि कुछ लोग इसे सिर्फ राजनीति का हिस्सा मानते हैं।"
अब सवाल ये है कि क्या ये बयान केवल एक गलती थी, या फिर ये किसी बड़ी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था? क्या बीजेपी इस तरह के बयानों से समाज में ध्रुवीकरण पैदा करके अपनी राजनीति साध रही है?"सच तो ये है कि इस बयान ने बिहार की राजनीति को और भी tough बना दिया है। जहां एक ओर बीजेपी अपने बयान से खुद को अलग कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इसे बीजेपी की मानसिकता का हिस्सा मान रहे हैं। इस मामले में आगे क्या होता है, ये तो वक्त ही बताएगा।"