“इतिहास में दफन होगी कांग्रेस?” – PM मोदी पर विवादित नारे को लेकर BJP का कांग्रेस पर तीखा हमला
“इतिहास में दफन होगी कांग्रेस?” – PM मोदी पर विवादित नारे को लेकर BJP का कांग्रेस पर तीखा हमला
दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कांग्रेस की रैली के बाद भारतीय राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। रैली के दौरान कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर लगाए गए विवादित नारों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पर कड़ा हमला बोला है।
‘PM मोदी की कब्र’ वाले नारे पर BJP की प्रतिक्रिया
कांग्रेस की “वोट चोर, गद्दी छोड़” रैली के दौरान कथित तौर पर लगाए गए नारे — “मोदी तेरी कब्र खुदेगी” — को लेकर BJP ने इसे बेहद आपत्तिजनक और लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया।
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी अब राजनीतिक विरोध छोड़कर हिंसक और अराजक भाषा का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा,
“कांग्रेस बार-बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग कर रही है। यह आलोचना नहीं, बल्कि राजनीतिक गिरावट का संकेत है।”
कांग्रेस पर ‘अराजकता’ फैलाने का आरोप
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस अब एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने में असफल रही है और उसकी राजनीति “संवैधानिक आलोचना” से हटकर “अराजकता” की ओर बढ़ती जा रही है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस की विचारधारा अब स्पष्ट नहीं रही और पार्टी विभिन्न राजनीतिक एजेंडों का मिश्रण बनती जा रही है।
मुगल साम्राज्य से कांग्रेस की तुलना
अपने बयान में त्रिवेदी ने कांग्रेस की तुलना मुगल साम्राज्य से करते हुए कहा कि जैसे मुगलों का शासन छठे शासक के बाद पतन की ओर बढ़ा, उसी तरह कांग्रेस भी अब अपने अंत की ओर बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार के अब तक छह सदस्य सत्ता में रह चुके हैं:
-
मोतीलाल नेहरू
-
जवाहरलाल नेहरू
-
इंदिरा गांधी
-
राजीव गांधी
-
सोनिया गांधी
-
राहुल गांधी
त्रिवेदी के अनुसार,
“जिस तरह औरंगज़ेब के बाद मुगल साम्राज्य का पतन हुआ, उसी तरह राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस भी अपने राजनीतिक अंत की ओर बढ़ रही है।”
सोशल मीडिया पर तेज़ प्रतिक्रियाएं
इस पूरे विवाद के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कई यूज़र्स ने कांग्रेस की भाषा पर सवाल उठाए, वहीं कुछ ने BJP के ऐतिहासिक तुलना वाले बयान को लेकर भी आलोचना की।
ट्विटर और फेसबुक पर यह मुद्दा ट्रेंड करने लगा और राजनीतिक बहस तेज़ हो गई।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की भाषा और बयानबाज़ी से चुनावी माहौल और अधिक ध्रुवीकृत होता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक दलों को मुद्दों पर आधारित बहस करनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत या आपत्तिजनक टिप्पणियों पर।
निष्कर्ष
रामलीला मैदान की रैली से शुरू हुआ यह विवाद अब एक बड़े राजनीतिक टकराव में बदल चुका है। जहां BJP कांग्रेस पर लोकतांत्रिक मर्यादाएं तोड़ने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर स्पष्ट प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
