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नवोदित कवियित्री आकृति श्रीवास्तव की प्रथम काव्य रचना 'कृति' का विमोचन हुआ

आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए रचनाकार आकृति श्रीवास्तव ने कहा कि यह मेरी प्रथम काव्य रचना है; जिसमें मैंने अपनी भावनाओं को स्वर देने का प्रयास किया है। हालांकि इसका वास्तविक मूल्यांकन पाठकों को ही करना है।
अध्यक्षता कर रहे सदन अध्यक्ष अरुणेश वाजपेयी ने कहा कि श्री सरस्वती सदन निरंतर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर रहा है। इसी श्रृंखला में आज युवा कवयित्री आकृति की प्रथम काव्य रचना 'कृति' का विमोचन संपन्न हुआ। उन्होंने रचनाकार को आशीष प्रदान करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।
काव्य संग्रह के समीक्षक रहे श्रेष्ठ रचनाकार डॉ राघवेंद्र मिश्र प्रणय ने कहा कि संपूर्ण विश्व ही किसी कवि की कविता है। संवेदनहीन होते समाज में आज कविताएं विशेष रूप से प्रासंगिक और अपरिहार्य हो गई हैं। समीक्षक डॉ. देश दीपक शुक्ल ने अपने संबोधन में कहा कि सीधी-सादी बातचीत के लहजे में लिखी हुई आकृति की कविताएं नई पीढ़ी के लिए प्रेरक और मित्र की भांति सचेतक हैं। समारोह के संचालक और सदन के मंत्री मनीष कुमार मिश्र ने कहा कि आकृति की कविताएं उसकी कोमल भावनाओं का प्रकटीकरण है। जनपद का साहित्य जगत इसका हृदय से स्वागत करता है।
कार्यसमिति सदस्य व रचनाकार के पिता अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि आकृति का प्रथम प्रयास निस्संदेह बहुत सराहनीय है। अपनी रचनाओं के माध्यम से वह समाज और साहित्य की निरंतर सेवा करती रहे। समारोह में रचनाकार और उसकी कृति के संबंध में सदन उपाध्यक्ष श्रवण कुमार मिश्र राही व पूर्णिमा श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से प्रो. अखिलेश वाजपेयी, चंद्रप्रकाश द्विवेदी मयंक, गिरीश डिडवानिया, सरिता अग्रवाल, अभिषेक अग्निहोत्री, आलोक मिश्र, डॉ. वंशीधर शुक्ल, सीमा गुप्ता असीम, कुमुदिनी देवी, उदयराज सिंह, श्रवण तिवारी, अनूप पुरी,मृदुल श्रीवास्तव, शैफाली श्रीवास्तव,गौरव सिन्हा, धीरज श्रीवास्तव, प्रतिमा श्रीवास्तव, निशानाथ अवस्थी, माधवी श्रीवास्तव, अनमोल शुक्ल, रामेंद्र श्रीवास्तव, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, पंकज अवस्थी, शशिकांत दीक्षित, राम औतार शर्मा, सर्वेश पाण्डेय, शैफाली श्रीवास्तव, गौरव श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, गौरव सिंह आदि उपस्थित रहे। आभार प्रदर्शन पुस्तकालयाध्यक्ष सीमा मिश्रा ने किया।