चीजों को मरम्मत करके उनका जीवन चक्र बढ़ाया जा सकता है

इस आयोजन का उद्देश्य समुदाय को यह संदेश देना था कि चीजों को मरम्मत करके उनका जीवन चक्र बढ़ाया जा सकता है और इस प्रकार अनावश्यक कचरे के उत्पादन को रोका जा सकता है। मरम्मत की आदत न केवल संसाधनों के संरक्षण में सहायक होती है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ठोस कदम भी है।
मेले के दौरान स्थानीय मोचियों, दर्जियों और बर्तन मरम्मत करने वाले शिल्पकारों की सहायता से कुल 96 सामग्रियों की मरम्मत की गई।
कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम प्रधान श्री अशोक कुमार द्वारा पौधारोपण कर की गई, जो पर्यावरण के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा। कार्यक्रम के दौरान समुदाय को मजबूत संदेश दिया गया कि वस्तुओं को मरम्मत कर दोबारा उपयोग में लाना न केवल व्यवहारिक है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए लाभकारी भी है।
इसके अतिरिक्त, साहस संस्था की टीम ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों के साथ एक रोचक खेल का आयोजन किया, जिसमें उन्हें कचरे के विभिन्न प्रकार और उनके वर्गीकरण की जानकारी दी गई। इस खेल के माध्यम से बच्चों ने जाना कि कौन सा कचरा सूखा है, कौन सा गीला, और कौन सा विशेष देखरेख के साथ निपटाने योग्य।
यह आयोजन न केवल मरम्मत की संस्कृति को बढ़ावा देने वाला रहा, बल्कि बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए एक सीखने का अवसर भी बना। एच॰डी॰एफ॰सी॰ बैंक और साहस संस्था द्वारा किया गया यह संयुक्त प्रयास सतत जीवनशैली की दिशा में एक प्रेरक कदम सिद्ध हुआ।