कैंसर का कारण: तंबाकू और आर्टिफिशियल फूड कलर; शुरुआती पहचान से संभव है जीत

Causes of cancer: tobacco and artificial food coloring; early detection makes victory possible.
 
Causes of cancer: tobacco and artificial food coloring; early detection makes victory possible.

लखनऊ डेस्क। मेदांता अस्पताल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग द्वारा हाल ही में कैंसर सर्वाइवर्स (कैंसर से ठीक हुए मरीज़ों) की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि कैंसर अब लाइलाज नहीं रहा, और यदि इसकी पहचान शुरुआती चरण में हो जाए, तो अधिकांश मामलों में मरीज़ पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।

डॉ. नीरज रस्तोगी, डॉ. मोहम्मद सुहैब, डॉ. रेशम श्रीवास्तव और डॉ नीलेश अग्रवाल सहित रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

कैंसर के प्रमुख कारण: तंबाकू और फूड कलर

विशेषज्ञों ने बताया कि भारत में कैंसर के मामलों में तंबाकू उत्पादों का सेवन एक प्रमुख कारक है:

  • तंबाकू का योगदान: पुरुषों में लगभग 40 प्रतिशत और महिलाओं में करीब 15 प्रतिशत कैंसर का कारण तंबाकू, सिगरेट और पान मसाला जैसी चीज़ों का इस्तेमाल करना है।

  • रोकथाम की संभावना: इन आदतों को छोड़कर भारत में लगभग 40 प्रतिशत कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है।

  • प्रभावित अंग: मुंह, गले और फेफड़ों के कैंसर के अलावा, पेशाब की थैली और पैंक्रियाज का कैंसर भी तंबाकू के इस्तेमाल से होता है।

  • आर्टिफिशियल फूड कलर: खाने में इस्तेमाल होने वाले आर्टिफिशियल फूड कलर भी कैंसर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार माने जाते हैं।

शुरुआती पहचान: जीत की कुंजी

मेदांता के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने कहा, "कैंसर का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं, लेकिन अगर हम इसके शुरुआती संकेत पहचान लें और सही समय पर इलाज शुरू करें, तो इसे पूरी तरह हराया जा सकता है।"

  • स्टेज के अनुसार ठीक होने की संभावना

    • पहली या दूसरी स्टेज: पहचान होने पर 80 से 90 प्रतिशत मरीज़ पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं।

    • तीसरी स्टेज: लगभग 50 प्रतिशत मरीज़ ठीक हो सकते हैं।

    • चौथी स्टेज: लगभग 15 प्रतिशत तक मरीज़ पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।

महिलाओं के लिए जागरूकता पहल

महिलाओं में सबसे सामान्य कैंसर स्तन कैंसर है। मेदांता इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सक्रिय है:

  • सेल्फ ब्रेस्ट एग्ज़ामिनेशन: महिलाएं तीन स्टेप में स्वयं ही इस कैंसर की पहचान कर सकती हैं।

  • मेदांता की पहल: मेदांता ने इस परीक्षण से जुड़ा एक वीडियो ऑनलाइन जारी किया है, साथ ही कैंप आयोजित किए जा रहे हैं जहाँ प्रशिक्षित नर्सों द्वारा टॉर्सो मॉडल के माध्यम से महिलाओं को स्वयं परीक्षण की प्रक्रिया सिखाई जा रही है।

इलाज और जीवनशैली

डॉक्टर्स का मानना है कि इलाज में सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी का कॉम्बिनेशन सबसे असरदार माना गया है, जिसके बाद ज़्यादातर मरीज़ छह महीने के भीतर सामान्य जीवन में लौट आते हैं।

कैंसर से बचाव के लिए जरूरी उपाय

  • संतुलित आहार

  • पर्याप्त नींद

  • फलों और सब्जियों का सेवन (जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं)।

कार्यक्रम में मौजूद कैंसर सर्वाइवर्स ने अपनी कहानियाँ साझा कीं, जिन्होंने यह संदेश दिया कि कैंसर से डरने की जगह उसका डटकर सामना करना चाहिए, क्योंकि सही इलाज और हिम्मत से लड़ाई के बाद जीवन की एक नई शुरुआत होती है।

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