चौधरी अनिल कुमार राज बने भारतीय किसान यूनियन (चौधरी चरण सिंह) के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन में नई ऊर्जा का संचार

किसानों की आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर बुलंद करने और युवा नेतृत्व को आगे लाने के उद्देश्य से भारतीय किसान यूनियन (चौधरी चरण सिंह) ने संगठन में बड़े बदलाव की घोषणा की है। नोएडा में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेन्द्र चौधरी ने कई अहम पदों पर नियुक्तियां कर संगठन में नए जोश का संचार किया।
हरिद्वार चिंतन शिविर की घोषणा
प्रेस वार्ता के मुख्य आकर्षणों में से एक रहा 19 से 21 जून तक हरिद्वार में प्रस्तावित राष्ट्रीय चिंतन शिविर, जहां संगठन के भविष्य की रणनीति और आंदोलन की दिशा पर चर्चा की जाएगी।
चौधरी अनिल कुमार राज को मिली बड़ी ज़िम्मेदारी
युवा वर्ग में लोकप्रिय और ज़मीनी कार्यकर्ता के रूप में पहचान बना चुके चौधरी अनिल कुमार राज को युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। संगठन का मानना है कि उनका नेतृत्व युवा किसानों को प्रेरित करेगा और उन्हें किसान आंदोलन से सक्रिय रूप से जोड़ेगा।
उनकी यह नियुक्ति संगठन के लिए नई सोच और दिशा का प्रतीक मानी जा रही है।
संगठन विस्तार: कई राज्यों में अहम नियुक्तियां
राष्ट्रीय संगठन मंत्री मधुर सेठ ने प्रेस वार्ता में विभिन्न राज्यों और जिलों के लिए पदाधिकारियों की नई सूची जारी की, जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
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मुकेश कुमार यादव – उत्तर प्रदेश युवा प्रदेश अध्यक्ष
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वरखा सिंह – राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
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सत्यवीर सिंह – राष्ट्रीय प्रवक्ता
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थान सिंह गुर्जर – राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में भी कई अहम नियुक्तियां की गईं। रविन्द्र सिंह, परी सिंह, विवेक शर्मा, ललित चौधरी, पवन चौधरी, नीरज प्रधान, आलोक शर्मा और रणधीर चौधरी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गईं।
20 से अधिक जिलों में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर संगठन की जड़ें और मज़बूत की गई हैं।
गांव-गांव तक पहुंचेगी किसान यूनियन की आवाज़
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह बघेल ने नव नियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी और कहा कि संगठन अब गांव, ब्लॉक और ज़िला स्तर पर मज़बूत टीमें बनाकर किसानों की समस्याओं के लिए संघर्ष करेगा।
नया नेतृत्व, नई उम्मीदें
देश के सबसे युवा और चर्चित किसान नेता चौधरी अनिल कुमार राज के कंधों पर अब बड़ी ज़िम्मेदारी है। किसान आंदोलन में युवाओं की भूमिका को मज़बूत बनाने के साथ-साथ वे संगठन को आधुनिक सोच और जमीनी संघर्ष के साथ आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
क्या चौधरी अनिल बनेंगे किसान आंदोलन की नई लहर?
पूरे देश की नज़र अब उनके नेतृत्व पर टिकी है।