नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों ने सीखा सीपीआर और आपदा प्रबंधन के गुर
लखनऊ। सिविल डिफेंस के स्वयंसेवक किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और फर्स्ट रिस्पॉन्डर (प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता) की भूमिका को बखूबी निभाते हैं। यह बात 11वीं बटालियन एनडीआरएफ वाराणसी के डीआईजी मनोज कुमार शर्मा ने सिविल डिफेंस के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। भारत सरकार द्वारा प्रायोजित स्वयंसेवक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम के छठे दिन, एनडीआरएफ ने लखनऊ सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों को आपदा से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर गहन जानकारी दी।
ट्राइएज (प्राथमिकता निर्धारण) का अभ्यास
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एनडीआरएफ का परिचय: सब इंस्पेक्टर अनिल सिंह ने एनडीआरएफ के गठन और उसके इतिहास के बारे में बताया।
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ट्राइएज प्रशिक्षण: उन्होंने किसी भी घटना में बड़ी संख्या में हताहत हुए लोगों में से किसे सबसे पहले उपचार दिया जाए, इसके लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रिया ट्राइएज (प्राथमिकता/छँटनी) के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
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व्यावहारिक अभ्यास: बाद में, उन्होंने अपने सहयोगियों—कांस्टेबल दुर्गेश कुमार यादव, सुगन्ध यादव, शालिनी अग्रवाल—के साथ स्वयंसेवकों को इस प्रक्रिया का प्रायोगिक अभ्यास भी कराया।
सीपीआर और प्राथमिक उपचार का महत्व
प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य और प्राथमिक सहायता पर भी विशेष ध्यान दिया गया:
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मानव शरीर की जानकारी: डॉक्टर राघवेंद्र ने मानव शरीर (Human Body) के बारे में, एक फर्स्ट एडर के कर्तव्यों (Duty of First Aider) और किसी भी घायल व्यक्ति का आकलन करने व सावधानी बरतने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
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सीपीआर प्रशिक्षण: रेड क्रॉस सोसाइटी की श्वेता सिंह ने सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की बारीकियों को बहुत विस्तार से समझाया और सभी स्वयंसेवकों से व्यक्तिगत रूप से इसका अभ्यास कराया।
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सिविल डिफेंस का इतिहास: सीनियर असिस्टेंट डिप्टी कंट्रोलर मनोज वर्मा ने सिविल डिफेंस के इतिहास से स्वयंसेवकों को परिचित कराया और इसकी महत्ता पर प्रकाश डाला।

इस प्रशिक्षण के दौरान एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट अनिल कुमार पाल, उपनियंत्रक रविन्द्र कुमार, वरिष्ठ सहायक उपनियंत्रक ऋषि कुमार, ममता रानी, रेखा पांडेय, मुकेश कुमार, मनोज कुमार वर्मा, अजय कुमार गुप्ता, फैसल, फरीद आदि अधिकारी और स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

