जलवायु परिवर्तन:मानवता के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती: अभय सिंह
जलवायु परिवर्तन से प्रदूषकों और एलर्जी बढ़ती है, जिससे हवा सांस लेने के लिए कम स्वस्थ हो जाती है। इससे अस्थमा, एलर्जी, और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज़ (सीओपीडी) जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं। जलवायु परिवर्तन से कुछ फसलों और क्षेत्रों की पैदावार में कमी आ सकती है, जिससे खाद्य असुरक्षा और कुपोषण हो सकता है। जलवायु परिवर्तन से जल सुरक्षा भी कम हो सकती है।
जलवायु परिवर्तन से मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
इसके अलावा चरम घटनाओं (जैसे बाढ़, सूखा, और तूफ़ान) की आवृत्ति और तीव्रता में बढ़ोतरी हो जाती है। नई बीमारियों के बढ़ने की संभावना प्रबल हो जाती है। जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण मनुष्य ही है।उन्होंने छात्राओं को जागरूक करते हुए बताया कि वर्तमान में मानवता के समक्ष सबसे महत्वपूर्ण चुनौती जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है, जिसे हल करने के लिए वैश्विक सहयोग के साथ-साथ समाज के प्रत्येक वर्ग में चेतना की आवश्यकता है। अन्तर्राष्ट्रीय संधिया यद्यपि ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करती है। परन्तु आवश्यकता है कि जलवायु परिवर्तन के विषय में एक सोच विकसित हो और हम समग्र रूप से इस चुनौती से निपटने के लिए कार्य कर सकें।
डॉ सर्वेश कुमार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मानव स्वास्थ्य पर दिन प्रतिदिन प्रभाव डाल रहा है। जलवायु परिवर्तन मानव स्वास्थ्य के प्रत्येक पहलू को प्रभावित कर रहा है। यदि हम इसकी समीक्षा करें तो हम समझ सकते है कि यह खतरा कितना गम्भीर है।
डॉ पुनीता ने कहा कि ऐसे में जरूरत है कि आम आदमी जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में विचार करें और उसकी रोकथाम के लिए अपने स्तर पर कार्य करें | हम जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं।
जलवायु परिवर्तन पर हुए इस कार्यक्रम में स्टाफ नर्स संतोषी के अलावा नेहरू म्यु. कन्या इंटर कालेज की प्रधानाचार्या नूरुल हुमा,शिक्षिका सरिता रानी, वर्तिका शुक्ला, ऊषा देवी, रुचि पांडेय, वैशाली यादव, भैरवी अग्निहोत्री, वंदना दीक्षित एवं विषय विशेषज्ञ अम्बरीष कुमार सक्सेना तथा बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद रहीं।