UP Assembly Winter Session 2025: ‘Congress ने संविधान का गला दबाने का कार्य किया’ — CM योगी आदित्यनाथ

 
UP Chief Minister Yogi Adityanath criticized Congress for imposing the Emergency and undermining the Constitution while addressing the UP Assembly.

UP Assembly Winter Session 2025: ‘Congress ने संविधान का गला दबाने का कार्य किया’ — CM योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र 2025 के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वंदे मातरम्’ पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आपातकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1975 में कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोपकर संविधान की आत्मा को कुचलने का काम किया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन की शुरुआत ‘वंदे मातरम्’ के ऐतिहासिक और भावनात्मक महत्व से की। उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा रहा है। यह गीत देशवासियों के भीतर राष्ट्रभक्ति की चेतना को जागृत करता है।

उन्होंने इतिहास का उल्लेख करते हुए बताया कि ‘वंदे मातरम्’ की रचना उस दौर में हुई थी, जब भारत अंग्रेजी शासन के अत्याचारों से गुजर रहा था। 1857 के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने दमन और शोषण की नीति और तेज कर दी थी। ऐसे कठिन समय में ‘वंदे मातरम्’ स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आशा और साहस का प्रतीक बना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1896 में कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार ‘वंदे मातरम्’ का सार्वजनिक रूप से गायन हुआ था, जिसे गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने स्वर दिया। उस समय यह गीत पूरे देश में स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरक शक्ति बन गया था।

योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि जब ‘वंदे मातरम्’ का शताब्दी समारोह आया, उसी दौर में 1975 में कांग्रेस सरकार द्वारा देश में आपातकाल लगाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की आज़ादी और नागरिक अधिकारों को दबा दिया गया। मुख्यमंत्री के शब्दों में, “आपातकाल के दौरान संविधान का गला दबाने का काम किया गया।”

अपने संबोधन में उन्होंने वर्तमान संदर्भ की ओर भी ध्यान दिलाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर नई ऊर्जा और नए संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल शब्दों का समूह नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम की चेतना और त्याग का प्रतीक है। यह हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि संविधान कोई संग्रहालय की वस्तु नहीं है, बल्कि उसे रोज़मर्रा के जीवन में आत्मसात करना आवश्यक है। उन्होंने विधानसभा में उपस्थित सदस्यों से राष्ट्र की एकता, अखंडता और संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया।

पूरा संबोधन ऐतिहासिक संदर्भों, राजनीतिक संदेशों और राष्ट्रवादी भावना से ओतप्रोत रहा, जिसने सदन के माहौल को गंभीर और विचारोत्तेजक बना दिया।

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