प्रचंड ठंड में भी जारी रहा सीएम योगी का जनसेवा अनुष्ठान
• गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन, करीब 150 लोगों से की मुलाकात
• सीएम योगी ने सुनीं समस्याएं, समाधान का दिलाया भरोसा
• अधिकारियों को संवेदनशीलता और तत्परता से निस्तारण के निर्देश
गोरखपुर, दिसंबर। जनता के हित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रचंड ठंड के बावजूद सोमवार को अपना जनसेवा अभियान जारी रखा। प्रतिकूल मौसम की परवाह किए बिना मुख्यमंत्री ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में जनता दर्शन का आयोजन कर आम नागरिकों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं।
जनता से आत्मीय संवाद करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया, “घबराइए मत, हर समस्या का समाधान कराया जाएगा। सरकार आप सभी की पूरी मदद करेगी।” उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर शिकायत का निस्तारण संवेदनशीलता, तत्परता और पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित किया जाए।
करीब 150 लोगों की समस्याएं सुनीं
सोमवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब 150 लोगों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री स्वयं कुर्सियों पर बैठे लोगों के पास पहुंचे और एक-एक कर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है और हर मामले का समाधान समयबद्ध ढंग से कराया जाएगा।प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को सौंपते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि हर शिकायत का निस्तारण त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतोषजनक होना चाहिए।
जमीन कब्जे के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश
जनता दर्शन के दौरान कुछ लोगों ने जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कठोर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोई भी दबंग या माफिया यदि किसी की जमीन पर जबरन कब्जा करता है तो उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। गरीबों को उजाड़ने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।जहां भूमि विवादों में पैमाइश की आवश्यकता हो, वहां तत्काल पैमाइश कराकर विवाद का निस्तारण कराने के निर्देश दिए गए। वहीं पारिवारिक विवादों के मामलों में मुख्यमंत्री ने आपसी संवाद के माध्यम से समाधान निकालने पर जोर दिया।
इलाज में धन की कमी नहीं बनेगी बाधा
जनता दर्शन में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग लेकर पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि इलाज में धन की कमी बाधा नहीं बनेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पतालों से इलाज का अनुमान (एस्टीमेट) शीघ्र तैयार कराकर शासन को भेजा जाए। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से जरूरतमंदों को उपचार के लिए पर्याप्त सहायता प्रदान की जाएगी।
