बीट पुलिसिंग से लेकर साइबर अपराध, प्रशिक्षण, कारागार सुधार और फॉरेंसिक तक व्यापक रोडमैप
लखनऊ | पुलिस मंथन 2025 पुलिस मंथन के दौरान आयोजित विभिन्न विषयगत सत्रों के समापन अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने उत्तर प्रदेश पुलिस को लेकर महत्वपूर्ण एवं दूरगामी दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट किया कि पुलिस व्यवस्था को जनकेंद्रित, संवेदनशील, तकनीक-सक्षम और उत्तरदायी बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सत्र–01 : बीट पुलिसिंग
ग्राम स्तरीय सुरक्षा तंत्र को नई मजबूती
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि ग्राम चौकीदारों को पुलिस बीट व्यवस्था से प्रभावी रूप से जोड़ा जाए, जिससे अपराध की रोकथाम, समय पर सूचना संकलन और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि बीट पुलिस के आरक्षी और उपनिरीक्षक गांव स्तर पर निरंतर संवाद व विश्वास का वातावरण बनाएं, जिससे जनविश्वास और कानून-व्यवस्था दोनों सुदृढ़ हों।
सत्र–02 : महिला/बाल सुरक्षा एवं मानव तस्करी
मिशन शक्ति को समन्वित प्रयासों से और प्रभावी बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला सुरक्षा केवल पुलिस की नहीं, बल्कि सभी विभागों की साझा जिम्मेदारी है। आंतरिक व बाह्य सुरक्षा दोनों पर बल देते हुए उन्होंने महिला बीट पुलिस, एंटी रोमियो स्क्वॉड, संवादात्मक बैठकों और टोल-फ्री हेल्पलाइनों के व्यापक प्रचार के निर्देश दिए। महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण और आत्मविश्वास को सशक्त करने पर भी विशेष जोर दिया गया।
सत्र–03 : थाना प्रबंधन एवं उन्नयन
मेरिट आधारित तैनाती और व्यवहार सुधार पर बल
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि थाना प्रबंधन पुलिसिंग सिस्टम की रीढ़ है। थाना प्रभारियों की तैनाती केवल मेरिट पर हो, राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रहे। लगभग 50,000 पुलिसकर्मियों की थानों में तैनाती, आधुनिक थाना मॉडल, पार्किंग, बैरक और पब्लिक सर्विस स्पेस विकसित करने की आवश्यकता बताई। पुलिस व्यवहार सुधार को ACR से जोड़कर जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए गए।
सत्र–04 : साइबर अपराध
डिजिटल सुरक्षा के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान मुख्यमंत्री जी ने बीसी सखी, बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट और बीट पुलिसिंग के माध्यम से डिजिटल लेन-देन सुरक्षा पर जनजागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए। साइबर हेल्प डेस्क की संख्या 2 से बढ़ाकर 75 करने को महत्वपूर्ण कदम बताते हुए, क्विक रिस्पॉन्स और साइबर मुख्यालय की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया।
सत्र–05 : मानव संसाधन विकास, कल्याण एवं प्रशिक्षण
पुलिस प्रशिक्षण क्षमता में ऐतिहासिक वृद्धि
मुख्यमंत्री जी ने बताया कि 2017 से अब तक पुलिस प्रशिक्षण क्षमता को बढ़ाकर लगभग 60,000 किया गया है। उन्होंने पुलिस लाइन को जन-जागरूकता केंद्र के रूप में विकसित करने, पुलिस म्यूजियम, ट्रैफिक पार्क, बच्चों के लिए कोचिंग सुविधा और वामा सारथी की भूमिका को और सशक्त करने के निर्देश दिए।
सत्र–06 : अभियोजन एवं कारागार
मानवीय दृष्टिकोण और सख्त निगरानी
मुख्यमंत्री जी ने प्रभावी अभियोजन, प्रशिक्षित मानव संसाधन और आकांक्षी जिलों की नियमित समीक्षा पर बल दिया। कारागारों में बुजुर्ग, महिलाएं और गंभीर रूप से बीमार बंदियों के मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने तथा कुख्यात अपराधियों पर कड़ी निगरानी व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सत्र–07 : CCTNS 2.0, न्याय संहिता एवं फॉरेंसिक
फॉरेंसिक आधारित जांच से बढ़ी दोषसिद्धि दर
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता और वैज्ञानिक फॉरेंसिक साक्ष्यों के प्रभावी उपयोग से संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई संभव हो सकी है। उन्होंने फॉरेंसिक साइंस संस्थानों के विस्तार, प्रत्येक जनपद में विशेषज्ञों की उपलब्धता और वाराणसी में प्रस्तावित फॉरेंसिक सेंटर को शीघ्र विकसित करने के निर्देश दिए।
