मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में कांग्रेस का कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने सरकार के फैसले को जनविरोधी और गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों और श्रमिकों का संवैधानिक अधिकार है, जिसे कमजोर करने की साजिश की जा रही है।
कांग्रेस नेताओं के बयान
कांग्रेस जिलाध्यक्ष शिवलाल कोरी ने कहा मनरेगा महात्मा गांधी की सोच और ग्रामीण भारत की रीढ़ है। इसका नाम बदलना गरीबों के अधिकारों पर सीधा हमला है। कांग्रेस पार्टी इस फैसले के खिलाफ सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।”अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य एवं पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजबहादुर यादव ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा मनरेगा कोई उपकार नहीं, बल्कि देश के श्रमिकों का अधिकार है। इसे कमजोर करना लोकतंत्र की आत्मा पर चोट है। यह तरीका लोकतांत्रिक नहीं, बल्कि उन देशों जैसा है जहां जनता की आवाज दबा दी जाती है।”पूर्व प्रत्याशी उमाशंकर तिवारी ने कहा कि रोजगार के अधिकार से छेड़छाड़ करना सरकार की गरीब और मजदूर विरोधी मानसिकता को उजागर करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह कदम वापस नहीं लिया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
बड़ी संख्या में कार्यकर्ता रहे मौजूद
इस प्रदर्शन में विश्वनाथ यादव, राजेश कुमार, पप्पू मौर्या, दादू, विजय कुमार उपाध्याय (शनि), संजय कुमार, नंदलाल मणि त्रिपाठी, मोहम्मद जमील, अमेरिका प्रसाद कुरील सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर में कहा कि मनरेगा के नाम और स्वरूप से किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ने की भी चेतावनी दी गई।
