गर्भनिरोधक और भविष्य की फैमिली प्लानिंग: क्या हैं भ्रम और हकीकत?

Contraception and future family planning: What are the myths and realities?
 
Contraception and future family planning: What are the myths and realities?
लखनऊ। अक्सर लोग गर्भनिरोधकों (Contraception) को केवल गर्भावस्था से बचने का एक अस्थायी तरीका मानते हैं, जबकि वास्तव में यह लंबी अवधि में परिवार नियोजन को प्रभावित करता है। बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, लखनऊ की फ़र्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. श्रेया गुप्ता का कहना है कि आधुनिक गर्भनिरोधक स्वयं प्रजनन क्षमता (Fertility) को नुकसान नहीं पहुँचाते, लेकिन जब कोई दंपत्ति माता-पिता बनने या इसे टालने का निर्णय लेता है, तो यह उनके रिप्रोडक्टिव परिणामों को प्रभावित कर सकता है। इस निर्णय में मदद के लिए गर्भनिरोधकों और भविष्य की फैमिली प्लानिंग के बीच संबंध को समझना महत्वपूर्ण है।

गर्भनिरोधक: रोकथाम से बढ़कर

अधिकांश आधुनिक गर्भनिरोधक तरीके, जैसे गर्भनिरोधक गोलियाँ (Pills), इंट्रायूटेरिन डिवाइस (IUD), या बैरियर मेथड्स, सुरक्षित और प्रतिवर्ती (Reversible) होते हैं। अधिकांश मामलों में, इन्हें बंद करने के बाद प्राकृतिक प्रजनन क्षमता एक निश्चित समय में वापस आ जाती है। इसके बावजूद, यह एक आम धारणा है कि लंबे समय तक इनका उपयोग करने से माँ या पिता बनने की संभावना पर असर पड़ सकता है।

हकीकत: डॉ. गुप्ता के अनुसार, लंबे समय तक प्रजनन क्षमता में आने वाली कठिनाई का कारण अक्सर गर्भनिरोधक नहीं होते हैं। इसके पीछे कई अन्य कारक हो सकते हैं, जैसे:

  • उम्र (Age): जो प्रजनन क्षमता का सबसे बड़ा कारक है।

  • पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियाँ: जैसे पीसीओएस या एंडोमेट्रियोसिस।

  • अनदेखी समस्याएँ: ऐसी समस्याएँ जो तब तक सामने नहीं आतीं जब तक बच्चा पैदा करने की कोशिश न की जाए।

कई लोग इन समस्याओं को गलत तरीके से गर्भनिरोधकों के उपयोग से जोड़ लेते हैं, जबकि वास्तविकता अलग होती है।

फैमिली प्लानिंग में समय (Time) का महत्व

गर्भनिरोधकों का सबसे बड़ा प्रभाव "समय" (Timing) से जुड़ा है। ये व्यक्ति को अपने अनुसार सही वक्त चुनने की सुविधा देते हैं, लेकिन शरीर की जैविक क्षमता उम्र के साथ बदलती रहती है।

  • महिलाओं में अंडे (Eggs) की संख्या और गुणवत्ता समय के साथ घटती है।

  • पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर भी जीवनशैली और बढ़ती उम्र का असर पड़ता है।

जब कोई व्यक्ति तीस या चालीस की उम्र में परिवार शुरू करने का फैसला करता है, तो अक्सर उम्र से जुड़े इन प्राकृतिक बदलावों को गलत तरीके से गर्भनिरोधकों के प्रभाव के रूप में समझ लिया जाता है। इससे सही समय पर प्रजनन उपचार (Fertility Treatment) लेने में देरी हो सकती है।

विशेषज्ञों की सलाह: प्रोएक्टिव प्लानिंग

फ़र्टिलिटी विशेषज्ञ यह सुझाव देते हैं कि गर्भनिरोधक चुनते समय ही भविष्य की प्रजनन क्षमता की योजना भी साथ-साथ बनानी चाहिए।

  1. दीर्घकालिक लक्ष्य: कम समय के लिए गर्भनिरोधक चुनने के साथ-साथ, भविष्य के पेरेंटहुड के दीर्घकालिक लक्ष्यों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है।

  2. नियमित जाँच: रेगुलर चेकअप्स कराना, फैमिली हेल्थ का इतिहास जानना, और डॉक्टर से समय-समय पर सलाह लेना इस दिशा में मदद कर सकता है।

  3. स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान: अगर किसी महिला को पीसीओएस या एंडोमेट्रियोसिस जैसी स्थितियाँ हैं, या पुरुषों में जीवनशैली से जुड़ी समस्याएँ हैं, तो शुरुआती सलाह और जाँच उन्हें भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकती है।

चूंकि कई बार गर्भनिरोधक कुछ स्वास्थ्य लक्षणों को अस्थायी रूप से छिपा देते हैं, इसलिए प्रोएक्टिव (सक्रिय) रहना और सही समय पर फ़र्टिलिटी चेकअप्स करवाना अपनी प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रखने का सबसे बेहतर तरीका है।

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