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ब्लॉक प्रमुख पण्डरी कृपाल पर चला कोर्ट का हंटर ,अभियोग पंजीकृत करने का हुआ आदेश

गोण्डा । जनपद के विकासखंड पंडरी कृपाल की ब्लॉक प्रमुख प्रियंका गौतम के विरुद्ध विकासखंड क्षेत्र की छोटका पत्नी शिवकुमार द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र धारा 173 (4) बी एन एस एस बाबत दर्ज कराए जाने प्रथम सूचना रिपोर्ट दिया गया था । जिस पर अपर मुख्य स्टेट गोंडा द्वारा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली देहात को आदेशित करते हुए अभियोग पंजीकृत अभियोग पंजीकृत कर 10 दिवस के अंदर न्यायालय में प्रस्तुत करने को आदेश किया है ।
क्या लगाया गया है आरोप --
ब्लॉक प्रमुख पंडरी कृपाल जनपद गोंडा प्रियंका गौतम के विरुद्ध विकासखंड क्षेत्र बिशनपुर बैरिया निवासिनी छोटका पत्नी शिवकुमार द्वारा अपर सिविल जज (सी0 डि0 )/ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गोंडा को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है जिसमें श्रीमती छोटका द्वारा यह कहा गया है कि वर्तमान ब्लाक प्रमुख प्रियंका गौतम द्वारा अनुचित लाभ लेने के लिए कूट रचित दस्तावेज तैयार कर पदासीन हुई है । श्रीमती छोटका के अनुसार प्रियंका गौतम पत्नी मुन्ना प्रसाद (आयु 36 वर्ष) जन्म स्थान ग्राम करौता विकासखंड भागलपुर जनपद देवरिया और विवाह उपरांत इनका मूल निवास ग्राम गडौना (धूधा) विकासखंड भागलपुर देवरिया है उपरोक्त जन्म से लेकर आज तक वहीं रह रही है।
इनके वर्तमान प्रतिनिधि राजीव कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह द्वारा कूट रचित व जालसाजी कर फर्जी कागज बनवा करके ग्राम महादेवा, मौजा विसवा दामोदर, विकासखंड -- पंडरी कृपाल , थाना कोतवाली देहात गोंडा परिवार रजिस्टर क्रमांक 246 पर प्रियंका गौतम व उनके पति का नाम दर्ज करवा लिया है जबकि वह अपने जीवन काल में कभी इस गांव में रही ही नहीं है । श्रीमती छोटका के अनुसार उपरोक्त के द्वारा ब्लाक प्रमुख पद हासिल करने के लिए अपने रसूख के बल पर जालसाजी करके फर्जी जाति प्रमाण पत्र का आवेदन करके जात प्रमाण पत्र भी बनवा लिया और ब्लॉक प्रमुख के पद पर गलत तरीके से काबिज हो गई हैं ।
सक्षम मजिस्ट्रेट ने क्या किया आदेश ---
ब्लॉक प्रमुख पंडरी कृपाल प्रियंका गौतम के मामले में सक्षम मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है कि आवेदिका द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 173 (4)बी एन एस एस स्वीकार किया जाता है ।प्रभारी निरीक्षक कोतवाली देहात गोंडा को आदेशित किया जाता है कि वह प्रार्थना पत्र में वर्णित तत्वों के प्रकाश अभियोग पंजीकृत कर नियमानुसार विवेचना करें तथा इसकी सूचना 10 दिवस न्यायालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें ।