अंतिम दो दिन भीड़ के पिछले सभी रिकार्ड टूटने के अनुमान
नाबार्ड एवं ओ दी ओ पी के तहत लगे सरकारी स्थान पर जहां हस्त निर्मित वस्तुएं रखी गई थीं, लोगों ने खूब रुचि दिखाई और खरीदारी की। भदोही की कालीन, क्रोकरी, टेराकोटा के समान महोत्सव की शोभा को खूब बढ़ाए। लिटिल एंजेल, सिप्ला ओ आर एस, स्लीपवेल, अनमोल प्रेस्टीज क्रीमिका नेस्ले झंडू मास्को कॉस्मेटिक, रवि के मसाले, बमचम और फॉर्च्यून के स्टालों ने प्रगति भारत महोत्सव 2024 में खूब रंग जमाया।
प्रगति भारत महोत्सव 2024 की संस्कृतिक संध्या आज बहुत ही विशेष रही। सुप्रसिद्ध भोजपुरी लोक गायिका प्रिया पाल सिंह ने ठंडी में गर्मी का अहसास करा दिया। प्रिया पाल द्वारा एक से बढ़कर एक भोजपुरी गीतों ने हर किसी को झूमने और ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। प्रिया पाल हमेशा से अपने अनूठे अंदाज के लिए भोपपुरी गायन को क्षेत्र में अपना एक अलग स्थान बना चुकी हैं। उन्होंने अपनी गायकी की शुरुआत देवी गीत से किया। इसी क्रम में उन्होंने अपनी खनकती हुई आवाज में भोजपुरी गीत हमरो बलम भोजपुरिया, परवल बेचे गए भागलपुर, तोहरा बलम कप्तान होताे, सैयां बिन नथुनिया के डारी, सजा दो घर को गुलशन, हम कोई लरिया में जाएं, गोरी तोरे डेरे, गाली देहलों मोहरी, पटने से पाजेब, गौरैया चंद सी को सुना कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इसी क्रम में प्रिया पाल ने अपनी सुमधुर आवाज में फेक दिहले थरिया बलम गईले झरिया, पियवा जाती बानी पुलिस के बहलिया में और हे पिया हमको घुमाई दे प्रगति भारत महोत्सव भोजपुरी गीत को सुना कर श्रोताओं की असंख्य तालियां बटोरीं।
अमृतायन साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था,लखनऊ ने प्रगति भारत महोत्सव में कवि सम्मेलन आयोजित किया। नवीन बैसवारी कार्यक्रम अध्यक्ष, डॉ अशोक अज्ञानी संरक्षक और शुभेन्द्र सिंह संचालक रहे। पुष्पेन्द्र प्रेमी, मित्र विपुल, सौम्या तिवारी, शानू वाजपेई, कुलदीप कलश, प्रतिभा गुप्ता,अविरल शुक्ल, मनीष मगन, सूर्यप्रकाश सूरज, डॉ अरविन्द झा, आलम फैज़ाबादी और विशाल श्रीवास्तव उपस्थिति रहे।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह एवं उपाध्यक्ष एनबी सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया।