CRPF जवान पर जासूसी का आरोप: पहलगाम हमले से पहले तक तैनाती, NIA कर रही पूछताछ

पहलगाम आतंकी हमले से कनेक्शन
गिरफ्तार जवान मोती राम जाट हमले से सिर्फ 6 दिन पहले तक पहलगाम में तैनात था। गौरतलब है कि 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी। यह हमला भारत के लिए एक बड़ा आघात था और अब सामने आया है कि आरोपी जवान हमले से कुछ ही दिन पहले वहां से ट्रांसफर हुआ था, जिससे इस मामले में उसकी भूमिका और संदिग्ध हो गई है।
जासूसी के आरोप क्या हैं?
अधिकारियों के अनुसार, आरोपी मोती राम जाट, जो कि CRPF में सहायक उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत था, 2023 से लगातार पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों (PIO) को गोपनीय जानकारी पहुंचा रहा था। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां शामिल थीं।
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जवान को विभिन्न माध्यमों से पैसे भी मिलते थे।
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उसने ड्यूटी प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर गतिविधियां चुपके से अंजाम दीं।
सोशल मीडिया पर निगरानी से हुआ खुलासा
CRPF के बयान के मुताबिक, आरोपी जवान पर सोशल मीडिया गतिविधियों के दौरान नजर रखी गई थी। केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से यह पता चला कि उसने सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया है। इसी आधार पर उस पर कार्रवाई की गई और उसे बल से बर्खास्त भी कर दिया गया।
भारत का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया। इस दौरान पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित कम से कम 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया।
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जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की सेना ने भी भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की,
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लेकिन भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया,
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अंततः पाकिस्तानी सेना को सीजफायर की मांग करनी पड़ी।