स्मृति उपवन में सांस्कृतिक संध्या: कवियों और कलाकारों ने रची साहित्यिक-संगीतमय शाम

कवि सम्मेलन और मुशायरे ने बांधा समां
सांस्कृतिक संध्या में आस कल्चरल सोसाइटी और हिंदुस्तान हस्तशिल्प के संयुक्त तत्वाधान में शानदार कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित किया गया।कार्यक्रम में डॉ. सुधा मिश्रा (संयोजक) और डॉ. सुरभि सिंह (संचालन) ने आयोजन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। मंच पर अपनी रचनाओं से दर्शकों को मोहने वाले प्रमुख कवि और कवयित्रियाँ थे—
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डॉ. रवेंद्र सिंह चौहान
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रश्मि श्रीवास्तव “शरद”
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शशि नारायण त्रिपाठी
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नेहा सक्सेना
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उमा लखनवी
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दीपक शर्मा सार्थक
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तारिका सिंह
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मनोरमा श्रीवास्तव
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मधु पाठक “मांझी”
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पूजा श्रीवास्तव
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संदीप शर्मा
सभी कवियों ने अपनी-अपनी काव्यधाराओं से श्रोताओं की तालियों और वाहवाही को खूब बटोरा।
सबरंग म्यूजिकल लाइव ने बढ़ाया रंग
कविता पाठ के बाद सबरंग फाउंडेशन सोसाइटी के महासचिव हरिशंकर श्रीवास्तव तथा सबरंग म्यूजिकल लाइव कराओके ग्रुप के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। गायन से श्रोताओं का दिल जीतने वाले कलाकारों में शामिल थे—अतुल त्रिपाठी, रितेश त्रिपाठी, अभिषेक, आकांक्षा, निधि प्रकाश खन्ना, हिमांशु शुक्ला, हरिशंकर, दिव्य प्रकाश, सुशील सिंह, सुनील कुमार और अंकित शर्मा।
लोकगायिका प्रीति लाल ने अपनी स्वर साधना से मोहा मन
कार्यक्रम में विशेष आकर्षण रहीं प्रसिद्ध लोकगायिका प्रीति लाल, जो आकाशवाणी–दूरदर्शन की ग्रेडेड कलाकार हैं और राष्ट्रपति पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित हो चुकी हैं।उन्होंने “गणपति आए मोरे अंगना…”, “ऐसन हीरा रतनवा दे दा…” जैसे सोहर, तथा “रेलिया बैरन…” जैसे लोकगीतों से सभागार में जादुई वातावरण बना दिया।
संगत में—
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कीबोर्ड : अरविंद वर्मा
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ढोलक : प्रदीप कुमार
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ऑक्टोपैड : प्रमोद
ने संगीत को और और जीवंत बनाया।
महोत्सव समिति की उपस्थिति
कार्यक्रम में महोत्सव समिति से मोनालिसा, रोली जयराम और मनोज सिंह चौहान तथा विवेक सिंह उपस्थित रहे। पूरे समारोह का सफल संचालन प्रदीप शुक्ला ने किया।



