"अतिथि देवो भवः" की भारतीय परंपरा को समर्पित
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। मॉण्टफोर्ट इंटर कॉलेज के सभागार में कक्षा 6 में प्रवेश लेने वाले नवीन विद्यार्थियों के सम्मान में एक आत्मीय एवं सुसंस्कृत ओरियन्टीन नामक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन विद्यालय परिवार द्वारा नए साथियों के प्रति अपनत्व, सद्भाव और सौहार्द की भावना को प्रकट करने का एक विनम्र प्रयास है। विद्यालय में आयोजित एक सांस्कृतिक समारोह के माध्यम से नवागंतुक छात्रों का आत्मीय स्वागत किया गया। यह आयोजन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि भावनाओं को प्रकट करने का एक विनम्र प्रयास था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानाचार्य ब्रदर जीनू अब्राहम, उपप्रधानाचार्य ब्रदर टी.टी. मैथ्यू, विद्यालय समन्वयिका श्रीमती नीना दास एवं श्रीमती बिन्दू पिल्लई मंचासीन रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जो ज्ञान और संस्कार की परंपरा का प्रतीक है।
अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में प्रधानाचार्य ब्रदर जीनू अब्राहम ने कहा—
"विद्या वह दीप है, जो अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर जीवन पथ को आलोकित करता है।"
उन्होंने नवागत विद्यार्थियों का स्नेहपूर्वक स्वागत करते हुए उनके स्वर्णिम भविष्य की मंगलकामनाएँ व्यक्त कीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं विद्यालय समन्वयिका श्रीमती बिन्दू पिल्लई ने छात्रों को अनुशासन, एकता और विद्यालय की मर्यादा के महत्व से परिचित कराया।
मुख्य सांस्कृतिक गतिविधियाँ:
इस आयोजन में छात्रों ने उत्साहपूर्वक विभिन्न नृत्य एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें प्रमुख रूप से:
पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य
मनोहारी फ्यूजन परफॉर्मेंस
उड़िया, कत्थक और भरतनाट्यम की लयबद्ध प्रस्तुतियाँ
ने मंच पर रंग भर दिया। हर प्रस्तुति में छात्रों का उत्साह, आत्मविश्वास और प्रतिभा स्पष्ट रूप से झलक रही थी। दर्शकों ने हर प्रस्तुति का आनंद लेते हुए तालियों से स्वागत किया।
बच्चों के मनोरंजन हेतु विविध खेल-कूद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया।
उत्सव का समापन:
कार्यक्रम के समापन पर शिक्षकों एवं अभिभावकों ने छात्रों की प्रतिभा की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और विद्यालय के इस रचनात्मक प्रयास को साधुवाद दिया। यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि छात्रों के बीच सौहार्द, सामूहिकता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम सिद्ध हुआ। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और धन्यवाद ज्ञापन के साथ गरिमामयी रूप से किया गया।
