धीरेंद्र शास्त्री का बयान: "डिफेंडर में घूमने से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा" – राजनीति, समाज और धर्म पर सीधी चोट

आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसे बयान की, जो देश की राजनीति, धर्म और समाज को झकझोर रहा है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर अपनी राय रखी है। लेकिन उनका ये बयान सिर्फ विवाद पर ही नहीं रुका, बल्कि हिंदू राष्ट्र, हिंदुत्व की राजनीति और समाज की एकता पर गहरा प्रहार किया है। उन्होंने साफ कहा – "डिफेंडर या फॉर्च्यूनर में घूमने से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। हिंदुत्व किसी पार्टी की ठेकेदारी नहीं है।" ये शब्द सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि एक चेतावनी हैं। एक ऐसे समाज के लिए, जो जाति, धर्म और राजनीति के नाम पर बंटा हुआ है।
चलिए शुरू करते हैं सबसे पहले तो जान लेते हैं कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कौन हैं। महज 22 साल की उम्र में ही उन्हें बागेश्वर धाम का पीठाधीश्वर बना दिया गया। उनका दावा है कि ये पद भगवान हनुमान ने स्वप्न में दिया। आज बागेश्वर धाम लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र है। धीरेंद्र जी कथा वाचन, राम कथा और हनुमान चालीसा के माध्यम से लोगों को जोड़ते हैं। लेकिन उनकी लोकप्रियता सिर्फ धार्मिक प्रवचनों तक सीमित नहीं। वो हिंदू एकता, हिंदू राष्ट्र और सामाजिक सुधार पर खुलकर बोलते हैं। 2023 में उन्होंने नारा दिया था – "तुम मेरा साथ दो, हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे।" ये नारा वायरल हो गया, और विवादों का केंद्र भी। लेकिन धीरेंद्र जी सिर्फ विवादों के लिए नहीं जाने जाते। वे कैंसर हॉस्पिटल बनाने जैसे सामाजिक कार्यों में भी active हैं। उनके अनुसार, सच्चा हिंदुत्व आडंबरों में नहीं, बल्कि सेवा और एकता में है। अब आते हैं उनके हालिया बयान पर।
आई लव मोहम्मद' और धीरेंद्र शास्त्री का रुख15 अक्टूबर 2025 को धीरेंद्र शास्त्री ने 'आई लव मोहम्मद' किताब विवाद पर बात की। ये विवाद तब भड़का जब कुछ हिंदू संगठनों ने किताब को इस्लामिक प्रचार बताया। लेकिन शास्त्री जी ने कहा – "हमें आपत्ति नहीं। हम हिंदू हैं, हमारी परंपरा tolerance की है।" ये बयान सराहनीय था, लेकिन उन्होंने यहीं से राजनीति पर चोट की। कहा कि देश की पार्टियां हिंदुत्व को वोट बैंक बनाती हैं। "देश की किसी भी पार्टी ने हिंदुत्व का ठेका नहीं लिया है। सभी दल हमारे हैं, क्योंकि हर दल में हिंदू हैं। ये बात कितनी सच्ची है! आज हिंदुत्व BJP या RSS की निजी संपत्ति बन गया लगता है। लेकिन शास्त्री जी याद दिलाते हैं कि हिंदुत्व तो वेदों-उपनिषदों से आता है, न कि चुनावी मैदान से। उनका कहना है कि पार्टियां हिंदुत्व का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन सच्ची एकता नहीं लातीं।
शास्त्री जी ने कहा – "डिफेंडर या फॉर्च्यूनर में घूमने से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। हमें गांव-गांव तक पहुंचना होगा, तभी हिंदुत्व सुरक्षित रहेगा।" ये शब्द एक तीर की तरह हैं। आज के नेता लग्जरी कारों में घूमते हैं, हेलीकॉप्टर से सभाओं में पहुंचते हैं। लेकिन हिंदू राष्ट्र का सपना तो गांव के चप्पल पहने संतों और आम हिंदुओं से पूरा होगा। शास्त्री जी कहते हैं कि हिंदुत्व लक्जरी में नहीं, संघर्ष में है। सोचिए, महात्मा गांधी ने भी यही कहा था – ग्रामीण भारत ही असली भारत है। आजादी के 78 साल बाद भी हमारे गांव पिछड़े हैं। वहां जातिवाद, अशिक्षा और गरीबी हिंदुत्व को खोखला कर रही है। शास्त्री जी का संदेश साफ है: अगर हम AC कमरों में बैठकर हिंदू राष्ट्र की बात करेंगे, तो वो कभी बनेगा नहीं। हमें खेतों, गलियों और झोपड़ियों में जाना होगा। ये बयान सिर्फ आलोचना नहीं, बल्कि एक रोडमैप है। वे कहते हैं – "भारत तभी शक्तिशाली बनेगा जब हर हिंदू जागरूक और संगठित होगा।" जाति के नाम पर लड़ना बंद करो, धर्म के नाम पर बंटना बंद करो। एक हो जाओ! 7 से 16 नवंबर 2025 तक दिल्ली से वृंदावन तक सनातन हिंदू एकता पदयात्रा निकालेंगे। ये यात्रा किसी पार्टी या धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि राष्ट्र जागरण के लिए है। यात्रा के मुख्य मुद्दे: गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा – गायों की रक्षा हिंदुत्व का आधार है।
यमुना की स्वच्छता – हमारी पवित्र नदियां प्रदूषित हो रही हैं।
वृंदावन को मांस-मदिरा मुक्त बनाना – भगवान की नगरी में व्यसन नहीं चलेगा।
संत समाज ने इसे राष्ट्रीय महायज्ञ बताया है। लाखों लोग इसमें शामिल होंगे। ये पदयात्रा सिर्फ पैदल चलना नहीं, बल्कि एकता का प्रतीक है। जैसे भगवान राम ने लंका तक का सफर तय किया, वैसे ही हमें हिंदुत्व की लंका जीतनी है। शास्त्री जी कहते हैं – "देश में जाति, धर्म और क्षेत्रीयता के नाम पर विभाजन बढ़ रहा है। समय है ऊपर उठने का।" ये यात्रा वो पुल बनेगी जो हिंदुओं को जोड़ेगी। शास्त्री जी का कहना है – "हिंदुत्व किसी पार्टी की ठेकेदारी नहीं।" आज हिंदुत्व को राजनीतिक हथियार बना दिया गया है। एक पार्टी कहती है हम हिंदू हैं, दूसरी कहती है हम धर्मनिरपेक्ष। लेकिन सच्चाई ये है कि हिंदुत्व सबका है। हिंदुत्व क्या है? वसुधैव कुटुंबकम्। सेवा। शास्त्री जी का बयान पार्टियों को आईना दिखाता है। अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है, तो ठेकेदारी छोड़ो, काम करो!
imagine कीजिए – अगर हर हिंदू गांव तक पहुंचे, तो जातिवाद कैसे टिकेगा ? अगर पार्टियां ठेकेदारी छोड़ दें, तो राजनीति कैसे बंटेगी ? शास्त्री जी के अनुयायी लाखों में हैं। उनकी कथाएं युवाओं को आकर्षित करती हैं। ये बयान युवा हिंदुओं को प्रेरित करेगा कि लक्जरी छोड़ो, सेवा अपनाओ। पदयात्रा में शामिल होकर आप भी इतिहास का हिस्सा बन सकते हैं। लेकिन चुनौतियां भी हैं। विवादास्पद बयानों से आलोचना होगी। कुछ कहेंगे ये राजनीति है। लेकिन शास्त्री जी साफ कहते हैं – "हम किसी पार्टी से गठबंधन नहीं करेंगे।" ये शुद्ध राष्ट्र जागरण है।
धीरेंद्र शास्त्री का ये बयान हमें सोचने पर मजबूर करता है। डिफेंडर-फॉर्च्यूनर में घूमने से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। हिंदुत्व किसी पार्टी की ठेकेदारी नहीं। हमें गांवों में जाना होगा, एक होना होगा। पदयात्रा में शामिल होकर हम सब मिलकर इतिहास रच सकते हैं। हिंदुत्व का मतलब हिंसा नहीं, प्रेम है। अगर हम ये समझ लें, तो भारत सच्चा हिंदू राष्ट्र बनेगा – जहां हर धर्म फले-फूले। आपकी क्या राय है? कमेंट में बताएं।
