What happened in Bahraich, Uttar Pradesh : बहराइच में अवैध मजारों पर चला सीएम योगी का बुलडोजर, लक्कड़ शाह बाबा समेत 4 दरगाह ध्वस्त, इसके साथ ही नेपाल बॉर्डर के आसपास भी हुई कई कार्रवाई

आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश के बहराइच में हाल ही में हुई एक बड़ी घटना की, जहां सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अवैध निर्माणों के against सख्त कदम उठाया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं लक्कड़ शाह बाबा समेत चार अवैध मजारों पर चले बुलडोजर की। ये कार्रवाई न केवल administrative level पर बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी चर्चा का विषय बन चुकी है। तो चलिए, इस पूरी घटना को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि आखिर क्या है इस कार्रवाई के पीछे की कहानी। अगर आप इस मुद्दे को गहराई से समझना चाहते हैं,
8 जून 2025 की रात को बहराइच के मूर्तिहा वन रेंज में वन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस कार्रवाई में चार अवैध मजारों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। इन मजारों में लक्कड़ शाह बाबा, चमन शाह, भंवर शाह, और शहंशाह शाह की मजारें शामिल थीं। ये मजारें वन विभाग की जमीन पर बनी थीं, और बताया जा रहा है कि इनके पास कोई valid document नहीं थे। जब forest department ने Mazar Management Committee से कागजात मांगे, तो वो कोई document पेश नहीं कर सके।
इस कार्रवाई का समय भी काफी important है, क्योंकि ये सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बहराइच दौरे से ठीक पहले हुआ। सीएम योगी 10 जून 2025 को बहराइच में महाराजा सुहेलदेव की 40 फीट ऊंची statue का unveiling करने वाले थे। इस स्मारक का उद्घाटन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि राजभर समाज के लिए भी एक बड़ा राजनीतिक संदेश देता है।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन मजारों पर बुलडोजर क्यों चला? तो इस कार्रवाई के पीछे का main reason था illegal encroachment। ये मजारें वन विभाग की जमीन पर बनी थीं, और कुछ लोग दावा कर रहे थे कि ये जमीन वक्फ बोर्ड की है। लेकिन जब documents की जांच की गई, तो कोई वैध कागजात नहीं मिले।
सीएम के दौरे से ठीक दो दिन पहले, 8 जून 2025 को बहराइच में सैकड़ों किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए। पुलिस ने इस मामले में करीब 70 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें से कई बंगाल के रहने वाले थे। ऐसे में, अवैध निर्माणों पर कार्रवाई को सुरक्षा के साथ जोड़कर भी देखा जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ को 'बुलडोजर बाबा' का नाम यूं ही नहीं मिला। 2022 के यूपी चुनावों के दौरान विपक्षी नेता अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए योगी जी को ये नाम दिया था, लेकिन बीजेपी और योगी ने इसे एक ब्रांड में बदल दिया। योगी सरकार की नीति है कि कोई भी अवैध निर्माण, चाहे वो मजार हो, मदरसा हो, या कोई और ढांचा, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। खासकर नेपाल सीमा से सटे जिलों जैसे बहराइच, सिद्धार्थनगर, और बलरामपुर में अवैध निर्माणों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है।
मई 2025 में भी योगी सरकार ने नेपाल सीमा से सटे सात जिलों में 225 अवैध मदरसों, 30 मस्जिदों, 25 मजारों, और 6 ईदगाहों पर बुलडोजर चलाया था। बहराइच में ही 13 मदरसे, 8 मस्जिदें, और 2 मजारों पर कार्रवाई हो चुकी है। इस तरह की कार्रवाइयों से योगी सरकार ये message देना चाहती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है
कुछ लोग इस कार्रवाई को धार्मिक आधार पर देख रहे हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि ये पूरी तरह से अवैध अतिक्रमण के खिलाफ है। लक्कड़ शाह बाबा की मजार पर 16 वीं सदी से मेला लगता रहा है, लेकिन कागजात न होने के कारण इसे ध्वस्त करना पड़ा।
इस कार्रवाई के पीछे सुरक्षा का पहलू भी अहम है। बहराइच नेपाल सीमा से सटा हुआ जिला है, और यहां अवैध गतिविधियों की आशंका हमेशा रहती है। हाल ही में बरामद हुए विस्फोटकों ने प्रशासन को और सतर्क कर दिया। योगी सरकार ने बकरीद जैसे त्योहारों से पहले भी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए थे कि कानून-व्यवस्था में कोई ढील न बरती जाए।
तो ये थी बहराइच में हुई ताजा बुलडोजर कार्रवाई की पूरी कहानी। योगी सरकार का ये कदम अवैध अतिक्रमण के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये कार्रवाई सिर्फ कानून-व्यवस्था का हिस्सा है, या इसके पीछे कोई बड़ा राजनीतिक एजेंडा भी है ? आप इस बारे में क्या सोचते हैं? नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर बताएं।