क्या वाकई जगदीप धनखड़ का ऑफिस सील हुआ? वायरल दावों की सच्चाई जानिए

 
https://www.google.com/search?q=jagdeep+dhankar+images&rlz=1C1VDKB_enIN1097IN1097&oq=jagdeep+dhankar+images&gs_lcrp=EgZjaHJvbWUyBggAEEUYOTIICAEQABgWGB4yCggCEAAYChgWGB4yCggDEAAYgAQYogQyBwgEEAAY7wXSAQg2OTczajBqN6gCCLACAfEF5OZm2qgPEarxBeTmZtqoDxGq&sourceid=chrome&ie=UTF-8#vhid=ctBxJTDelvOk2M&vssid=_-T-LaPWtM62LseMP3YXy2A4_44

आज हम एक ऐसी खबर की सच्चाई जानने जा रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर तूफान मचा रही है। ये खबर है india के former vice president श्री जगदीप धनखड़ से जुड़ी। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि उनके इस्तीफे के बाद उनका ऑफिस सील कर दिया गया है, उनकी सोशल मीडिया टीम को हटा दिया गया है, और उन्हें तुरंत सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया है। लेकिन क्या ये सच है? या फिर ये सिर्फ एक अफवाह है? आइए, इस दावे की पूरी सच्चाई को खंगालते हैं और जानते हैं कि आखिर माजरा क्या है। तो चलिए शुरू करते हैं. 

सबसे पहले, ये समझते हैं कि ये दावा कहां से शुरू हुआ। 21 जुलाई 2025 को जगदीप धनखड़ ने अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बताया। इस खबर ने पूरे देश में हलचल मचा दी। लेकिन इसके बाद सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स वायरल होने लगीं। इन पोस्ट्स में दावा किया गया कि उनके इस्तीफे के तुरंत बाद, उनका ऑफिस सील कर दिया गया, उनकी सोशल मीडिया टीम को हटा दिया गया, और उन्हें सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भेजा गया। कुछ यूजर्स ने इसे "अपमानजनक व्यवहार" तक करार दिया।

इन पोस्ट्स ने लोगों के बीच सनसनी फैला दी। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक साजिश बताया, तो कुछ ने इसे जाट समुदाय के अपमान से जोड़ा। लेकिन सवाल ये है कि क्या ये दावे सही हैं? 

इस दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले भारत सरकार की नोडल एजेंसी, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के फैक्ट चेक यूनिट की ओर रुख किया। PIB ने 23 जुलाई 2025 को अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने इन दावों को पूरी तरह से खारिज किया। PIB ने स्पष्ट कहा कि:  "सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति के आधिकारिक आवास को सील कर दिया गया है और पूर्व उपराष्ट्रपति को तुरंत आवास खाली करने के लिए कहा गया है। ये दावे पूरी तरह से झूठे हैं। गलत सूचनाओं पर ध्यान न दें। किसी भी खबर को शेयर करने से पहले हमेशा official sources से confirmation करें। 

PIB ने साफ कहा कि न तो जगदीप धनखड़ का ऑफिस सील किया गया है, न ही उन्हें तुरंत आवास खाली करने का आदेश दिया गया है। बल्कि, सूत्रों के मुताबिक, जगदीप धनखड़ को एक टाइप-8 बंगला allotte किया जाएगा, जो पूर्व उपराष्ट्रपतियों या वरिष्ठ मंत्रियों को दिया जाता है।  

इस दावे को कुछ मीडिया संस्थानों ने भी गलती से बढ़ावा दिया। लेकिन जब PIB ने इस खबर को फर्जी बताया, तो इंडिया टीवी ने अपने X अकाउंट पर माफी मांगी। उन्होंने लिखा:  "कुछ दिन पहले हमसे गलती से खबर चल गई थी कि उपराष्ट्रपति का दफ्तर सील कर दिया गया है। बाद में जब हमने इसकी डिटेल चेक की, तो पता चला कि हमारा source गलत था। इसके लिए हम अपने दर्शकों से माफी मांगते हैं।"  

ये माफी इस बात का सबूत है कि मीडिया में भी गलत जानकारी फैल सकती है, और इसलिए हमें हमेशा official sources पर भरोसा करना चाहिए।
अब एक और दावा है, जिसने लोगों को भ्रमित किया। कुछ खबरों में कहा गया कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के तीन दिन बाद उनका सचिवालय बंद कर दिया गया और उनके साथ काम करने वाले अधिकारियों को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया। ये बात सही है, लेकिन इसे गलत तरीके से पेश किया गया।  

दरअसल, सरकारी नियमों के अनुसार, उपराष्ट्रपति के सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों की नियुक्ति उनके कार्यकाल से जुड़ी होती है। जब उपराष्ट्रपति अपना पद छोड़ते हैं, तो इन अधिकारियों को 15 दिनों के अंदर  अपने मूल कैडर में लौटना होता है। ये एक general procedure है, न कि कोई असामान्य या अपमानजनक कदम। और सबसे जरूरी बात, अधिकारियों ने साफ किया कि उपराष्ट्रपति भवन के किसी भी कमरे को सील नहीं किया गया है।  

अब सवाल उठता है कि आखिर ये अफवाहें क्यों फैलीं? जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े किए हैं। विपक्षी नेताओं, जैसे कांग्रेस के जयराम रमेश और कुंवर अली दानिश, ने दावा किया कि उनका इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य कारणों से नहीं था, बल्कि इसके पीछे कोई "राजनीतिक दबाव" हो सकता है।  

कुछ खबरों में ये भी कहा गया कि धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग नोटिस accept  किया था, जिसके बाद दो केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें फोन किया। इसके बाद धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया। लेकिन ये सिर्फ अटकलें हैं, और इनका कोई ठोस सबूत नहीं है। 

हालांकि, जगदीप धनखड़ ने खुद अपने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य बताया है, और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। 


 

Tags