शिक्षा में डिजिटल क्रांति: छात्रों को मिला स्मार्टफोन और टैबलेट, शिक्षकों ने गिनाईं तकनीक की खूबियाँ

Digital revolution in education: Students got smartphones and tablets, teachers enumerated the advantages of technology
 
Digital revolution in education: Students got smartphones and tablets, teachers enumerated the advantages of technology
हरदोई (अम्बरीष कुमार सक्सेना) — डॉ. राम मनोहर लोहिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अल्लीपुर, हरदोई में आयोजित स्मार्टफोन एवं टैबलेट वितरण समारोह में डिजिटल शिक्षा के महत्व पर गहन चर्चा हुई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मोबाइल और टैबलेट आज के समय में शिक्षा की दिशा और दशा बदलने वाले शक्तिशाली उपकरण बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि ये उपकरण न केवल छात्रों को कहीं से भी ज्ञान अर्जित करने की सुविधा देते हैं, बल्कि शिक्षकों के लिए भी यह सीखाने की प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने में सहायक हैं।

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भूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि डिजिटल डिवाइसेज़ से शिक्षक छात्रों की प्रगति पर निगरानी रख सकते हैं, उन्हें व्यक्तिगत मार्गदर्शन दे सकते हैं, और उनकी सीखने की गति के अनुसार शिक्षण सामग्री भी तैयार कर सकते हैं। उन्होंने यह भी चेताया कि इन उपकरणों के सुरक्षित और जिम्मेदाराना उपयोग की आवश्यकता है, ताकि साइबर बुलिंग, उत्पीड़न और डेटा सुरक्षा जैसी चुनौतियों से बचा जा सके।

"डिजिटल संसाधनों से शिक्षा बनी और अधिक सुलभ" – डॉ. शशिकांत पाण्डेय

समारोह की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शशिकांत पाण्डेय ने कहा कि मोबाइल फोन छात्रों को ऑनलाइन वीडियो, ऑडियो सामग्री और ई-पुस्तकों के माध्यम से समृद्ध ज्ञान प्राप्त करने का अवसर देते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल संसाधनों से छात्रों में सहयोग और संवाद की भावना बढ़ती है, जिससे सीखने की प्रक्रिया अधिक रोचक और सहभागितापूर्ण बनती है।

उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षक अब मोबाइल के माध्यम से छात्रों के अभिभावकों से सीधे संपर्क में रह सकते हैं, जिससे शिक्षा के प्रति जागरूकता और सहभागिता में वृद्धि होती है।

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"शैक्षिक ऐप्स ने सीखने के अनुभव को किया व्यक्तिगत" – आनंद विशारद

समारोह के विशिष्ट अतिथि श्री आनंद विशारद ने कहा कि आज की डिजिटल दुनिया में छात्रों के पास ऐसे कई शैक्षिक ऐप्स हैं जो उन्हें गणित, विज्ञान और भाषाओं जैसे विषयों को सरल और संवादात्मक ढंग से सीखने का अवसर देते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि इन ऐप्स के माध्यम से शिक्षक छात्रों की सीखने की समझ का वास्तविक समय में मूल्यांकन कर सकते हैं और उन्हें तुरंत फीडबैक दे सकते हैं। इससे छात्र अधिक सक्रिय रहते हैं और शिक्षकों को उनकी सीखने की शैली के अनुसार सामग्री अनुकूलित करने में भी सहायता मिलती है।

आयोजन की झलक

कार्यक्रम का संचालन सुश्री पारूल गुप्ता ने किया, जबकि श्री मुकेश कुमार ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राएं सुमन, मेघा, वैष्णवी और छात्र शिवम सहित कई शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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