पुलिस महानिदेशक ने 91वें बैच के प्रांतीय पुलिस सेवा अधिकारियों से की प्रेरणात्मक भेंट

Director General of Police paid a motivational visit to the 91st batch of Provincial Police Service officers
 
अकादमिक पृष्ठभूमि पर एक नजर: प्रशिक्षुओं में से:  11 अधिकारी परास्नातक हैं (2 M.Sc. और 9 M.A.)  23 अधिकारी स्नातक हैं, जिनमें से:  13 B.Tech.  6 B.Sc.  2 B.A.  1 LLB  1 MBBS  🗣️ प्रशिक्षुओं को पुलिस महानिदेशक के दिशा-निर्देश: अपने प्रेरणात्मक संबोधन में डीजीपी श्री राजीव कृष्ण ने प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर मार्गदर्शन दिया:  ब्रीफिंग को कला मानें – कानून व्यवस्था की ड्यूटी से पूर्व अधीनस्थ बल को उचित दिशा निर्देश देना अनिवार्य है।  विवेकपूर्ण निर्णय लें – फील्ड की परिस्थितियों का आंकलन स्वयं करें लेकिन अधीनस्थों के सुझावों को भी महत्व दें।  एक उत्कृष्ट अधिकारी में तीन गुण आवश्यक हैं – खुला दृष्टिकोण (Open Mind), स्पष्ट सोच (Clear Vision), और बेहतर निर्णय क्षमता (Good Judgement)।  प्रशिक्षण में सीखी फोरेंसिक, साइबर क्राइम और कानून संबंधी जानकारियों का भरपूर उपयोग करें।  फील्ड में निर्णय लेते समय प्रशिक्षण व वास्तविकता के बीच संतुलन बनाए रखें।  नेतृत्व स्वयं के उदाहरण से आता है – अधीनस्थों का विश्वास और सम्मान अर्जित करने हेतु स्वयं प्रेरणा बनें।  ज्ञान, कौशल और सकारात्मक सोच का समावेश करें।  फोर्स को बदलती परिस्थितियों के अनुरूप तैयार करें।  आत्मविश्वासी रहें और समाज में परिवर्तन के संवाहक (Change Agent) बनें।  जनशिकायतों के त्वरित और गुणवत्ता युक्त निस्तारण तथा साइबर अपराध नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।  उत्तर प्रदेश पुलिस को साइबर क्राइम के विरुद्ध देश में अग्रणी बनाने के लक्ष्य में सहभागी बनें।  फील्ड प्रशिक्षण के दौरान आरक्षी से लेकर वरिष्ठ कर्मियों से सीखने की प्रवृत्ति बनाए रखें।  अपने भीतर सदैव उद्देश्य की भावना (Sense of Purpose) जीवित रखें।  व्यावहारिक प्रशिक्षण के दौरान Visionary सोच और Personnel Management की दक्षता विकसित करें।  🏅 सम्मान और शुभकामनाएँ भेंटवार्ता के समापन पर डीजीपी ने सभी प्रशिक्षुओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर अकादमी की ओर से श्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारी द्वारा पुलिस महानिदेशक को मोमेंटो भेंट किया गया।  कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती तिलोत्मा वर्मा एवं अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. राजीव सब्बरवाल भी उपस्थित रहे।

लखनऊ ब्यूरो (आर. एल. पाण्डेय)।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कृष्ण ने दिनांक 07 जून 2025 को प्रांतीय पुलिस सेवा (PPS) के 91वें बैच के नवप्रशिक्षित 34 पुलिस उपाधीक्षकों से संवाद किया। इस बैच में 25 पुरुष और 9 महिला अधिकारी सम्मिलित हैं, जिनमें से 33 उत्तर प्रदेश से और 1 अधिकारी मध्य प्रदेश से हैं।

इन सभी अधिकारियों ने अपना प्रशिक्षण डॉ. भीमराव अम्बेडकर पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में 20 मई 2024 से प्रारंभ कर 04 जून 2025 को पूर्ण किया। इनकी पासिंग आउट परेड 06 जून 2025 को आयोजित की गई थी।

अकादमिक पृष्ठभूमि पर एक नजर

प्रशिक्षुओं में से

  • 11 अधिकारी परास्नातक हैं (2 M.Sc. और 9 M.A.)

  • 23 अधिकारी स्नातक हैं, जिनमें से:

    • 13 B.Tech.

    • 6 B.Sc.

    • 2 B.A.

    • 1 LLB

    • 1 MBBS

 प्रशिक्षुओं को पुलिस महानिदेशक के दिशा-निर्देश

अपने प्रेरणात्मक संबोधन में डीजीपी श्री राजीव कृष्ण ने प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर मार्गदर्शन दिया:

  1. ब्रीफिंग को कला मानें – कानून व्यवस्था की ड्यूटी से पूर्व अधीनस्थ बल को उचित दिशा निर्देश देना अनिवार्य है।

  2. विवेकपूर्ण निर्णय लें – फील्ड की परिस्थितियों का आंकलन स्वयं करें लेकिन अधीनस्थों के सुझावों को भी महत्व दें।

  3. एक उत्कृष्ट अधिकारी में तीन गुण आवश्यक हैं – खुला दृष्टिकोण (Open Mind), स्पष्ट सोच (Clear Vision), और बेहतर निर्णय क्षमता (Good Judgement)।

  4. प्रशिक्षण में सीखी फोरेंसिक, साइबर क्राइम और कानून संबंधी जानकारियों का भरपूर उपयोग करें।

  5. फील्ड में निर्णय लेते समय प्रशिक्षण व वास्तविकता के बीच संतुलन बनाए रखें।

  6. नेतृत्व स्वयं के उदाहरण से आता है – अधीनस्थों का विश्वास और सम्मान अर्जित करने हेतु स्वयं प्रेरणा बनें।

  7. ज्ञान, कौशल और सकारात्मक सोच का समावेश करें।

  8. फोर्स को बदलती परिस्थितियों के अनुरूप तैयार करें।

  9. आत्मविश्वासी रहें और समाज में परिवर्तन के संवाहक (Change Agent) बनें।

  10. जनशिकायतों के त्वरित और गुणवत्ता युक्त निस्तारण तथा साइबर अपराध नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

  11. उत्तर प्रदेश पुलिस को साइबर क्राइम के विरुद्ध देश में अग्रणी बनाने के लक्ष्य में सहभागी बनें।

  12. फील्ड प्रशिक्षण के दौरान आरक्षी से लेकर वरिष्ठ कर्मियों से सीखने की प्रवृत्ति बनाए रखें।

  13. अपने भीतर सदैव उद्देश्य की भावना (Sense of Purpose) जीवित रखें।

  14. व्यावहारिक प्रशिक्षण के दौरान Visionary सोच और Personnel Management की दक्षता विकसित करें।

सम्मान और शुभकामनाएँ

भेंटवार्ता के समापन पर डीजीपी ने सभी प्रशिक्षुओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर अकादमी की ओर से श्रेष्ठ प्रशिक्षु अधिकारी द्वारा पुलिस महानिदेशक को मोमेंटो भेंट किया गया।

कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती तिलोत्मा वर्मा एवं अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. राजीव सब्बरवाल भी उपस्थित रहे।

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