एक दिवसीय भगवत गीता सेमिनार में डॉक्टर्स ने जाना जीवन जीने का रहस्य

अपरिमेय श्याम प्रभुजी ने डॉक्टर्स को सम्बोधित करते हुए बताया कि जिस प्रकार आप भौतिक शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपने ज्ञान से निरंतर बीमार शरीरों के इलाज का कार्य करते रहते हैं और समाज में अग्रणी भूमिका का निर्वहन करते हैं, उसी प्रकार से हमें अपने सूक्ष्म शरीर (मन, बुद्धि एवं अहंकार) पर भी कार्य करते हुए अध्यात्मिक इलाज की आवश्यकता हैं, जो हमें श्रीमद भगवत गीता के निरंतर चिंतन गुरू के सानिध्य में करने से प्राप्त होगा, जिससे हमारा सूक्ष्म शरीर भी स्वस्थ रहे और हम अपना आध्यात्मिक विकास करते हुए शास्त्रों के अनुसार जीवन जी सकें l
श्रीमद भगवत गीता सेमीनार में अतिथिगणों के रूप मे डॉक्टर अशोक चंद्रा, (पूर्व प्रो. एवं प्रमुख, मेडिसिन विभाग, केजीएमयू, मेडिकल कॉलेज, लखनऊ, डॉक्टर सी. एम. सिंह, निदेशक राम मनोहर लोहिया, इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस, लखनऊ, श्रीमान डॉक्टर शिवशंकर त्रिपाठी, राजवैध एवं पूर्व आयुर्वेदिक डॉक्टर, राज्यपाल भवन, लखनऊ, डॉक्टर संजय टंडन,(चेयरमैन, अंसल एपीआई, लखनऊ) उपस्थित रहे।सेमीनार मे उपस्थित श्रीमान अविनाश अग्रवाल, एच.ओ.डी., क्रिटिकल केयर, केजीएमयू, मेडिकल कॉलेज, लखनऊ ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में अध्यात्मिकता को अपनाया और परम् पूज्य गोपाल कृष्ण गोस्वामी जी महाराज से दीक्षा प्राप्त की l
कार्यक्रम के समापन पर उपस्थिति भक्तों ने स्वादिष्ट भोजन प्रसाद का आनंद उठाया l