अब मांगलिक नहीं, दांगलिक योग देखकर करें शादी

Now marry after seeing Daanglik Yog instead of Manglik Yog
 
अब मांगलिक नहीं, दांगलिक योग देखकर करें शादी
(व्यंग्य – मुकेश "कबीर" | प्रस्तुति: विभूति फीचर्स)
शादी-ब्याह का मामला अब सिर्फ कुंडली मिलान और सात फेरों तक सीमित नहीं रहा। ज़माना बदल गया है, अब सिलेबस में "हनीमून" के साथ-साथ "जांच-पड़ताल" और "आपातकालीन सहायता" भी जोड़ दिए गए हैं।

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अब खबरें आ रही हैं कि विवाह के बाद कुछ पति इतने बदकिस्मत निकले कि सीधे हनीमून से ही भगवान के पास पहुंच गए, और पत्नी सीधे पुलिस स्टेशन! पुलिस का नया काम अब यह रह गया है कि हनीमून की घटनाओं को रीक्रिएट करे। लेकिन हमारे जैसे जो आज तक हनीमून का "H" भी नहीं देख पाए, वो क्या जानें क्रिएट क्या होता है और रीक्रिएट में कौन-कौन शामिल होता है?

साफ बात है — अब शादी पहले जैसी नहीं रही। पहले मंगनी होती थी, अब "टंगनी" का भी दौर है! यानी कोई एक फंसेगा और दूसरा टंगेगा! ये तय इस बात पर होता है कि हनीमून पर कितने लोग गए थे – सिर्फ पति-पत्नी, या फिर कोई "पुराना परिचित" भी साथ था?
अब ध्यान दीजिए – त्रेता युग में कैकेई के साथ मंथरा आई, और राम को वनवास मिला। द्वापर में गांधारी के संग शकुनि आया और पूरा महाभारत रचा गया। अब कलयुग में लड़की की शादी के साथ आता है उसका बॉयफ्रेंड! इसलिए अब ज्योतिषी से सिर्फ यह मत पूछिए कि कन्या मांगलिक है या नहीं, बल्कि यह जानिए कि वह "दांगलिक" है या नहीं!
दांगलिक यानी – जिसकी कुंडली में बॉयफ्रेंड ग्रह सक्रिय हो। और भाईसाहब, यह ग्रह जितना "प्रबल" होगा, खतरा उतना ही ज्यादा! मतलब, कितने बॉयफ्रेंड हैं, यह भी कुंडली देखकर ही तय होगा। एक ज़माना था जब एक नौकरी, एक घर और एक गाड़ी काफी होती थी। अब तो बॉयफ्रेंड भी "एक से अधिक" होना चाहिए – ऐसा ट्रेंड चल पड़ा है।
पर समझने की भूल मत करना, क्योंकि जैसा लालबुझक्कड़ चच्चा कहते हैं, "शादी और समझदारी एक साथ नहीं चलती।"
अब शादी से पहले आधार कार्ड से भी ज्यादा गहरी जांच जरूरी है। लड़की की कुंडली में बॉयफ्रेंड योग हो, तो सबसे पहले ये तय कर लो कि वो हिंसक न हो। आखिर हम गांधी जी के देश में रहते हैं – सत्य और अहिंसा हमारा रास्ता है। अगर हनीमून पर पति के साथ रहना है, तो कृपया उसे जीवन भर धीरे-धीरे परेशान कीजिए – एक ही झटके में जान लेने की क्या ज़रूरत?
बॉयफ्रेंड के साथ हनीमून पर ऐसा नहीं किया, तो पति के साथ क्यों? गांधीवादी हनीमून मनाइए – जहां रोज़-रोज़ ताना मिले, पर जान सलामत रहे।
और अगर फिर भी आपको डर लगे कि मामला बेकाबू हो सकता है, तो शादी से पहले डोनाल्ड ट्रंप या भूरा भाई से संपर्क कर लीजिए। वो बड़े-बड़े देशों की लड़ाई रोक चुके हैं, आपकी शादी तो खेल तमाशा ही है उनके लिए!
तो जनाब, या तो पोपटलाल की तरह कुंवारे रहिए, या फिर शादी से पहले बॉयफ्रेंड-बैकग्राउंड-वेरिफिकेशन से लेकर हनीमून-सेफ्टी-प्रोटोकॉल तक सब तैयार रखिए। क्योंकि –
"जान है तो जहान है, और अब तो बॉयफ्रेंड भी महान है!"
सादर, शुभकामनाओं सहित – हैप्पी एंड सेफ हनीमून।
– मुकेश "कबीर"
(कवि एवं व्यंग्यकार | विभूति फीचर्स)

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