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डॉ० अचल गुप्ता की विशेषज्ञता ने सायाटिका से पीड़ित रोगी को राहत प्रदान की। रीढ़ की हड्डी की सर्जरी की इस नवीनतम तकनीक ने अद्भुत परिणाम दिखाए

इस शिविर में परामर्श और उपचार जैसी कई सेवाएं शामिल थीं, जो उन लोगों के लिए एक जीवन रेखा साबित हुई जिन्हें पहले चिकित्सा सहायता के लिये आर्थिक सहायता नहीं मिल पा रही थी।शिविर के दौरान 50 से अधिक रोगियों ने मुफ्त बाह्य अस्पताल परामर्श प्राप्त किया, जिन्हें मूल्यवान चिकित्सा सलाह और उनकी स्थिति के लिए संभावित उपचार विकल्पों को समझने का मौका मिला। रोगियों के द्वारा उठाई गई आर्थिक बोझ को और भी कम करने के लिए, नोवा अस्पताल ने सर्जिकल इंटरवेंशन के लिए भारी अनुदान की भी पेशकश की, जिससे जन साधारण को अत्यंत ही कम एवं उचित दरों पर यह उपचार मिल सके।
शिविर की अविश्वसनीय सफलता का एक चमकदार उदाहरण एक रोगी का मामला था जिसने एंडोस्कोपिक रीढ़ की हड्डी के सर्जरी करवायी, जोकि एक उन्नत और पूर्ण एंडोस्कोपिक रीढ़ की हड्डी की प्रक्रिया रही। पांच वर्ष पहले रोगी ने रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराई थी, लेकिन साइटिका के दर्द का समाधान न होने के कारण वह अत्यधिक चिंतित था। एक और सर्जरी के लिए डर के कारण, रोगी ने नोवा अस्पताल में दूसरी चिकित्सीय राय डॉ० अचल गुप्ता से ली और एक सफल सर्जरी कराकर अपनी बीमारी से निजात पाई।इस ऑपरेशन के दौरान विशाखापत्तनम से आए डॉ० साई दिलीप एवं अलीगढ़ से आए डॉ० कौशल भी उपस्थित रहे, और उन्होंने नोवा हॉस्पिटल और डॉ० अचल गुप्ता के इस कदम की सराहना की।