Duniya Ki Sabse Ajibo Garib Bimari  : दुनिया की सबसे अजीबोग़रीब बीमारी जिनके बारे में जानकर रह जायेगे हैरान 

Duniya Ki Sabse Ajibo Garib Bimari  : The world's most strange diseases, you will be surprised to know about them
Duniya Ki Sabse Ajibo Garib Bimari  : दुनिया की सबसे अजीबोग़रीब बीमारी जिनके बारे में जानकर रह जायेगे हैरान 

दुनिया की सबसे अजीब बीमारी क्या है?

सबसे अजीब बीमारी कौन सी है?

दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी कौन सी है?

इस दुनिया की सबसे अजीब चीज क्या है?

Duniya Ki Sabse Ajibo Garib Bimari 

पपिलियो वायरस

अब्दुल बजनदार द ट्री मैन बांग्लादेश के 25 साल के एक शख्स को एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से वह धीरे-धीरे पेड़ बनता जा रहा है इस इंसान के हाथ धीरे-धीरे लकडी के  बनते जा रहे हैं कहने को तो बांग्लादेश के अब्दुल जनदार एक रिक्शा चालक है लेकिन उनकी इस लाइलाज बीमारी की वजह से लोग उन्हें ट्रीमैन के नाम से पुकारते हैं |

इनके परिवार वालों ने इनका काफी इलाज करवाया लेकिन अब तक वो ठीक नहीं हो पाए हैं अब्दुल के दोनों हाथ बिल्कुल ऐसे हो गए हैं जैसे किसी पेड़ की मोटी टहनियां होती हैं उसका शरीर धीरे-धीरे पेड़ की डाल और जड़ों की शक्ल में तब्दील होता जा रहा है अब्दुल को यह बीमारी 7 साल पहले लगी थी दुनिया भर के डॉक्टर उसका इलाज ढूंढने में लगे हैं और और उसकी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी को कोई इलाज नहीं मिला है पपिलियो वायरस की वजह से होती है और अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है अब्दुल से पहले इंडोनेशिया में कोस वारा नाम के एक व्यक्ति को भी ऐसी ही बीमारी हुई थी वो पहला ट्रीमैन था जिसकी फिलहाल मौत हो चुकी है |


क्लाउडिया द वुमन विथ हार्ड निंग स्किन

 क्लाउडिया द वुमन विथ हार्ड निंग स्किन क्लाउडिया एक ऐसी महिला है जिनकी स्किन धीरे-धीरे इतनी सख्त हो गई कि उनके लिए चलना खाना और यहां तक कि हंसना भी मुश्किल हो गया है उनके हाथ और पैर मुड़ गए और उंगलियां सीधी नहीं हो पाती थी स्किन तो स्किन इनके इंटरनल ऑर्गेन भी काफी सख्त हो चुके हैं

इनकी इस रेयर कंडीशन का नाम स्क्लेरोडरमा है यह बीमारी शरीर की त्वचा को सख्त और मोटा बना देती है स्क्लेरोडरमा एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही टिशूज पर हमला करता है इससे स्किन के साथ-साथ इंटरनल ऑर्गेंडी या की स्थिति दिन बदिरा होती जा रही है लेकिन क्लाउडिया ने अपनी बीमारी के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और अपने जीवन में खुश रहने की कोशिश की उसने दूसरों को भी जागरूक करने का काम किया है जिससे लोग इस बीमारी के बारे में जान सकें और समय रहते इसका इलाज करवा सकें 

क्रॉनिक रीजनल पेन सिंड्रोम 

कैला हंसन दुनिया में एक ऐसी महिला है जो हर समय आग जैसी तेज जलन से जलती रहती है उसके शरीर में हर सेकंड इतनी जलन होती है मानो किसी ने सच में उनके शरीर को आग लगा दी हो  अमेरिका के एरिजोना की रहने वाली 29 साल की कायला हेनसन पिछले 2 साल से इस बीमारी से जूझ  रही हैं इस बीमारी को क्रॉनिक रीजनल पेन सिंड्रोम कहा जाता है सबसे ज्यादा हैरानी की बात है

कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है शुरुआत में उन्हें एक हाथ में यह तकलीफ थी देखते ही देखते यह बीमारी चौथे और आखिरी स्टेज में पहुंच गई और अब उनके पूरे शरीर में जलन होती है दरअसल 2 साल पहले दो दरवाजों के बीच में महिला का हाथ कुचल गया था तब तो मरहम पट्टी करके इनकी तकलीफ ठीक हो गई थी मगर उस मामूली से हादसे ने उसकी पूरी जिंदगी तबाह कर दी हाथ में चोट लगने के साल भर

बाद केयला को उसमें जलन महसूस होने लगी, जब महिला डॉक्टर के पास पहुंची तो जांच के बाद इस बीमारी के बारे में पता चला डॉक्टर ने बताया कि यह बीमारी शरीर में शिथिल अवस्था में होती है मगर मामूली सी चोट इसे एक्टिव कर सकती है महिला ने बताया कि पहले जहां वह हफ्ते में 60 से 80 घंटे काम करती थी वहीं अब वह हफ्ते के तीन-चार दिन तक बिस्तर से उठ भी नहीं पाती है उनकी हड्डी और मांसपेशियों में असहनीय दर्द होता है अब वह इस बात को मान चुकी है कि जब तक उनकी सांसें चल रही हैं 

रोवन द बटरफ्लाई चाइल्ड

 रोवन द बटरफ्लाई चाइल्ड बचपन से ही किसी ऐसी बीमारी से घिर जिसका कोई इलाज ना हो अपने आप में काफी ज्यादा दुखद होता है इस प्यारी सी बच्ची रोवन को देखिए यह एक ऐसी रेयर कंडीशन से जूझ रही है जो 20 मिलियन में से किसी एक को होती है इस बीमारी में स्किन काफी जल्दी उतरने लगती है यानी अगर हल्के से भी स्किन को छुआ जाए तो घाव बन जाता है

इस बीमारी में स्किन इतनी सेंसिटिव हो जाती है कि अगर शरीर पर कपड़े की रगड़ भी लग जाए तो भी घाव हो जाता है इसलिए रोवन के मम्मी पापा उसे काफी ज्यादा ध्यान से रखते हैं क्योंकि जरा सी चूकहोने पर स्किन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है रो वण अभी बहुत छोटी है लेकिन बावजूद इसके वो इस गंभीर बीमारी का काफी हिम्मत से सामना कर रही है 

मुई थॉमस द हार्ले क्विन

मुई थॉमस द हार्ले क्विन मुई थॉमस का जन्म साल 1993 में हांगकांग में हुआ था तो मुई हार्ले क्विन इटोसिस नाम की एक रेयर स्किन कंडीशन के साथ पैदा हुई थी और जब इनके माता-पिता को इनकी बीमारी के बारे में पता चला तो उन्होंने इन्हें अनाथ आश्रम में छोड़ दिया लेकिन इनकी किस्मत अच्छी थी क्योंकि इन्हें एक ब्रिटिश कपल ने गोद ले लिया था किसी को भी यह उम्मीद नहीं थी

कि लंबे समय तक जिंदा रहेगी लेकिन इनके अडॉप्टिव पेरेंट्स ने इन्हें काफी ज्यादा सपोर्ट किया और जीने की नई राह दिखलाई आज मुई हर दिन को अलग तरह से जीना चाहती हैं वो अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए रग्बी रेफरी के रूप में काम कर रही है साथ ही वह किसी भी तरीके से जरूरतमंद लोगों की मदद करना चाहती है 

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