मेजर आशीर्वाद गौड़ की जयंती पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि और प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन
श्रद्धांजलि के साथ प्रेरणा का संगम
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे मेजर जनरल रणजीत सिंह (एवीएसएम, वीएसएम) और श्री राजीव जॉली खोसला (संयोजक, राष्ट्रीय सैनिक संस्था व अध्यक्ष, भीम ब्रिगेड ट्रस्ट)। मेजर जनरल सिंह ने भावुक शब्दों में कहा,एक सैनिक बनने के लिए चार साल की कठिन ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। यह तप, समर्पण और अनुशासन का प्रतीक होता है – मेजर आशीर्वाद इसी तपस्या के जीवंत उदाहरण थे।” श्री खोसला ने विशेष रूप से बनवाई गई यादगार घड़ी का जिक्र करते हुए कहा,“इस घड़ी में बस तस्वीरें नहीं, बल्कि वो यादें हैं जो हम सबके दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी।”
सैय्यां बे-ईमान’ – एक कलाकार सैनिक को श्रद्धांजलि
मेजर आशीर्वाद सिर्फ एक सैनिक नहीं थे, बल्कि एक संवेदनशील कलाकार भी थे जिन्हें युवाओं से विशेष लगाव था। वे थिएटर और नाटक के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की उम्मीद रखते थे। उन्हीं के सपने को साकार करते हुए ΤΟΥ थिएटर ग्रुप द्वारा नाटक "सैय्यां बे-ईमान" का मंचन किया गया। यह नाटक मूलतः मनोज मित्रा द्वारा लिखा गया था, जिसका हिंदी रूपांतरण सांत्वना निगम ने किया और संजीव जौहरी द्वारा निर्देशित किया गया। यह प्रस्तुति मेजर आशीर्वाद को एक गहरी और सार्थक श्रद्धांजलि थी।
एक सैनिक, कलाकार और पशु-प्रेमी
मेजर आशीर्वाद एक अनुशासित और कर्तव्यनिष्ठ सैनिक होने के साथ-साथ एक संवेदनशील, मितव्ययी और पशु-प्रेमी व्यक्ति भी थे। उनके जीवन का उद्देश्य समाज और राष्ट्र के लिए कुछ सार्थक करना था। दुर्भाग्यवश, उनकी असमय मृत्यु ने सभी को स्तब्ध कर दिया। इस गहरे आघात के बावजूद, उनके माता-पिता ने उनके नाम पर एक ट्रस्ट की स्थापना कर एक पशु चिकित्सा सुविधा के निर्माण का संकल्प लिया — जो मेजर आशीर्वाद के पशु-प्रेम और सेवा भावना को जीवित रखेगा।
