एनर्जी रेवोल्यूशन गैलरी में 10 लाख विज़िटर्स का स्वागत: अदाणी ग्रीन एनर्जी और साइंस म्यूज़ियम की बड़ी उपलब्धि

Energy Revolution Gallery welcomes 1 million visitors: A major milestone for Adani Green Energy and Science Museum
 
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लंदन, 16 अक्टूबर, 2025: लंदन के प्रतिष्ठित साइंस म्यूज़ियम में स्थित "एनर्जी रेवोल्यूशन: द अदाणी ग्रीन एनर्जी गैलरी" ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है। मार्च 2024 के अंत में जनता के लिए खोली गई यह पुरस्कार विजेता निःशुल्क गैलरी, अब तक 10 लाख से अधिक विज़िटर्स का स्वागत कर चुकी है।

यह गैलरी ऊर्जा परिवर्तन (Energy Transition) और जलवायु परिवर्तन को सीमित करने के लिए आवश्यक डिकार्बनाइजेशन (Decarbonisation) की गहन समझ पर केंद्रित है। यह इंसानी कल्पना और नवाचार के माध्यम से ऊर्जा प्रणालियों के अतीत, वर्तमान और भविष्य को दर्शाती है।

शिक्षा और नवाचार का केंद्र

यह गैलरी, जो यूके और विदेशों के तकनीकी प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित करती है—जैसे ऑर्कनी में हाइड्रोजन पॉवर, भारत में टेराकोटा एयर-कूलिंग फेसाड्स और मोरक्को में सोलर फार्म्स—स्कूल ग्रुप्स और परिवारों के बीच बेहद लोकप्रिय है।  अब तक 10,000 से अधिक छात्रों ने शैक्षिक यात्राओं के हिस्से के रूप में इस गैलरी का अनुभव किया है।

अदाणी ग्रीन एनर्जी ने व्यक्त किया गर्व

अदाणी ग्रीन एनर्जी के एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर सागर अदाणी ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा हमें गर्व है कि इस गैलरी ने 10 लाख लोगों को प्रेरित किया है और स्थिरता व नवाचार पर चर्चा शुरू की है। यह मुकाम साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है और दर्शाता है कि शिक्षा से कैसे महत्वपूर्ण बदलाव लाया जा सकता है। हम साइंस म्यूज़ियम ग्रुप को बधाई देते हैं और एक ऐसी गैलरी का समर्थन करने पर गर्व महसूस करते हैं, जो स्वच्छ और सुदृढ़ दुनिया के लिए समाधान विकसित करने में मदद करती है। 

साइंस म्यूज़ियम ग्रुप के चीफ एग्जीक्यूटिव और डायरेक्टर सर इयान ब्लैचफोर्ड ने अदाणी ग्रीन एनर्जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, गैलरी का पुरस्कार विजेता डिज़ाइन और अद्भुत प्रदर्शित वस्तुओं की कहानियाँ ही इस महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुँचने का प्रमाण हैं।

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पुरस्कार विजेता और सतत डिज़ाइन

इस गैलरी को आर्किटेक्ट और डिज़ाइन स्टूडियो अननोन वर्क्स ने डिज़ाइन किया था। इसे हाल ही में सतत डिज़ाइन और इंस्टॉलेशन दृष्टिकोण के लिए आर्किटेक्ट्स जर्नल से रेट्रोफिट और रीयूज़ अवॉर्ड मिला।

  • पुन: उपयोग: डिज़ाइन के तहत, म्यूज़ियम के पुराने ऑब्जेक्ट स्टोर की 200 से अधिक व्यर्थ धातु की शेल्फ को गैलरी में वस्तुएं प्रदर्शित करने के लिए पुन: उपयोग किया गया।

  • ऊर्जा दक्षता: एल्युमीनियम का उपयोग और ऊर्जा-कुशल एलईडी लाइटिंग का प्रयोग कर गैलरी के निर्माण और संचालन से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिली।

गैलरी के मुख्य आकर्षण

गैलरी को तीन मुख्य हिस्सों में बाँटा गया है, जो ऊर्जा परिवर्तन की चुनौती को समझाते हैं

  1. फ्यूचर प्लैनेट: यह खंड दर्शाता है कि जलवायु वैज्ञानिक गणित और कम्प्यूटर मॉडल्स की मदद से धरती की बदलती जलवायु को कैसे समझते हैं। इसमें यूके मेट ऑफिस के सहयोग से बनाए गए इंटरएक्टिव एक्सहिबिट्स और चार्ल्स डेविड कीलिंग की डिज़ाइन पर आधारित एयर-सैंपलिंग फ्लास्क जैसे ऐतिहासिक उपकरण शामिल हैं।

  2. फ्यूचर एनर्जी: यहाँ लो-कार्बन तकनीकों के साथ इतिहास की दुर्लभ वस्तुएँ प्रदर्शित हैं, जो फॉसिल फ्यूल्स से दूर जाने की यात्रा दर्शाती हैं। आकर्षणों में 1897 में लंदन की सड़कों पर चलने वाली पहली इलेक्ट्रिक टैक्सी—बर्सी कैब—और 5 मीटर ऊँचा पैराबोलिक सोलर ट्रफ मिरर शामिल है। इसके अलावा, यहाँ 1950 के दशक के न्यूक्लियर फ्यूज़न प्रयोग का जीरो एनर्जी थर्मोन्यूक्लियर असेंबली का विशाल क्वाड्रंट और रॉल्स-रॉयस एसएमआर द्वारा बनाए गए स्मॉल मॉड्युलर न्यूक्लियर रिएक्टर का मॉडल भी प्रदर्शित है।

  3. आवर फ्यूचर: इस खंड में बच्चों की रचनात्मक सोच झलकती है कि आने वाले समय में दुनिया अपनी ऊर्जा जरूरतों को कैसे पूरा करेगी, साथ ही यूके की कम-कार्बन यात्रा की प्रगति दर्शाने वाला एक डीकार्बनाइजेशन ट्रैकर भी लगा है।

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