बाकी मुआवजे और पक्की नौकरी के लिए किसानों ने यूपीएसआईडीसी पर दिया धरना

Farmers staged a sit-in protest at UPSIDC for the remaining compensation and permanent jobs
 
Farmers staged a sit-in protest at UPSIDC for the remaining compensation and permanent jobs
चिनहट, लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। चिनहट औद्योगिक क्षेत्र में जमीन के बदले किसानों को मुआवजा राशि की लड़ाई लड़ते 35 साल गुजर गई। समझौते के अनुसार टाटा-टेल्को को  मुआवजा और परिवारीजन को पक्की नौकरी देनी थी। अभी तक मुआवजे का 66 प्रतिशत बाकी है और पक्की नौकरी किसी को नहीं मिली। 


क्रांतिकारी किसान यूनियन के बैनर तले संघर्षरत किसानों ने यूपीएसआईडीसी परिसर में धरना दिया। पिछले एक साल से यूनियन हर महीने की 22 तारीख को लगातार अपनी मांगों के लिए धरना दे रही है। धरने को संयुक्त किसान मोर्चा ने भी समर्थन दिया।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव मुकुट सिंह और भाकियू जनशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश यादव अपने साथियों के साथ धरने में शामिल हुए। इस मौके पर धरने को संबोधित करते हुए मुकुट सिंह ने किसानों की हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि 35 सालों तक संघर्ष को चलाना और उसे जिन्दा रखना काबिले तारीफ है और पूरा विश्वास है कि जीत पक्की होगी। उन्होंने चिनहट क्षेत्र के संघर्षरत किसानों का सदैव साथ देने की बात कही।
   
करीब 2 बजे तहसीलदार सदर अविनाश धरनास्थल पर पहुंचे। किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के जरिए टाटा टेल्को से किसानों को बकाया मुआवजा और पक्की नौकरी का वायदा पूरा कराने की मांग की। साथ ही बीते समय के एवज में सभी किसानों की आर्थिक क्षतिपूर्ति करने की बात दोहरायी।

ज्ञापन में टाटा टेल्को में संविदा कर्मियों के साथ होने वाले आर्थिक शोषण और उसमें लिप्त समिति के पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार की जांच कराने की भी मांग की गई। यूनियन प्रदेश उपाध्यक्ष रामरतन ने 35 सालों से लगातार संघर्ष कर रहे किसानों की एकजुटता बल दिया। साथ ही एसकेएम राज्य इकाई द्वारा चल रहे संघर्ष का साथ और समर्थन देने पर धन्यवाद ज्ञापित किया। धरने में जिलाध्यक्ष एकादशी यादव, क्षेत्रीय प्रभारी दिनेश कुमार, उपाध्यक्ष विशंभर दयाल, मोहम्मद हाफिज, सीमा यादव आदि प्रमुख किसान नेता शामिल रहे।

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