बिना सर्जरी लिवर की सटीक जांच करेगा फाइब्रोस्कैन: विशेषज्ञों ने दी जानकारी

Fibroscan will accurately test the liver without surgery: Experts gave information
 
फाइब्रोस्कैन वर्कशॉप: लिवर की बीमारियों पर विशेषज्ञों ने जताई चिंता, बढ़ते मोटापे को बताया बड़ा कारण गोमतीनगर स्थित ताज होटल में रविवार शाम एक चिकित्सा कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मेडिवल मेडिकल इंडिया और निदान डायग्नोस्टिक के संयुक्त प्रयास से फाइब्रोस्कैन तकनीक पर चर्चा की गई। इस अवसर पर राजधानी लखनऊ और अन्य क्षेत्रों से आए प्रमुख लिवर एवं गैस्ट्रो विशेषज्ञों ने लिवर से संबंधित बीमारियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई और फाइब्रोस्कैन तकनीक को समय की आवश्यकता बताया।  लाइफस्टाइल में बदलाव बना लिवर रोगों की जड़ कार्यशाला में सम्यक हॉस्पिटल के डॉ. के.एस. यादव, मैक्स हेल्थकेयर के डॉ. अंकुर गुप्ता और हेल्थ सिटी अस्पताल के डॉ. अरुण कुमार पांडेय* ने कहा कि आज की तेज रफ्तार जीवनशैली और शारीरिक सक्रियता की कमी, खासकर पैदल न चलने की आदत, लोगों में फैटी लिवर और सिरोसिस जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने जोर दिया कि लोग अपने दैनिक जीवन में फिजिकल एक्टिविटी को जरूर शामिल करें।  फाइब्रोस्कैन: लिवर जांच की आधुनिक और सुरक्षित तकनीक चिकित्सकों ने बताया कि फाइब्रोस्कैन एक गैर-सर्जिकल, दर्द रहित और तेज़ तकनीक है, जो लिवर की कठोरता (Stiffness) और उसमें मौजूद वसा की मात्रा (Fat Content) को मापती है। यह मशीन पारंपरिक बायोप्सी की तुलना में अधिक सहज और सटीक विकल्प प्रदान करती है, जिससे मरीज को किसी भी प्रकार की चीरफाड़ या अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं होती।  🩺 फाइब्रोस्कैन जांच की अनुमानित लागत: ₹1500 से ₹5000 तक (संस्थान पर निर्भर करता है)।  विशेषज्ञों ने बताया कि यह तकनीक फैटी लिवर, सिरोसिस और अन्य लिवर डिसऑर्डर की शुरुआती अवस्था में पहचान कर उपचार में सहायता करती है।  स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: समय रहते जांच कराएं सीएमई (कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) में डॉ. आलोक संगम और डॉ. राजू कुमार जैसे अनुभवी चिकित्सकों ने भी भाग लिया। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों और प्रतिनिधियों को जागरूक करते हुए कहा कि भारत में मोटापा और अल्कोहल-जनित लिवर समस्याएं बढ़ रही हैं, ऐसे में फाइब्रोस्कैन जैसे टूल्स की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ जाती है।  कार्यक्रम का आयोजन और सहयोग इस कार्यशाला का आयोजन निदान डायग्नोस्टिक के डॉ. एस.के. माथुर एवं मेडिवल मेडिकल इंडिया के श्रीकांत सिंह द्वारा किया गया। आयोजन का उद्देश्य चिकित्सकों को नवीनतम जांच तकनीकों से अवगत कराना और जनता तक इनकी पहुंच आसान बनाना रहा।

खनऊ डेस्क | रिपोर्ट: आर.एल. पाण्डेय (

फाइब्रोस्कैन वर्कशॉप: लिवर की बीमारियों पर विशेषज्ञों ने जताई चिंता, बढ़ते मोटापे को बताया बड़ा कारण

गोमतीनगर स्थित ताज होटल में रविवार शाम एक चिकित्सा कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मेडिवल मेडिकल इंडिया और निदान डायग्नोस्टिक के संयुक्त प्रयास से फाइब्रोस्कैन तकनीक पर चर्चा की गई। इस अवसर पर राजधानी लखनऊ और अन्य क्षेत्रों से आए प्रमुख लिवर एवं गैस्ट्रो विशेषज्ञों ने लिवर से संबंधित बीमारियों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई और फाइब्रोस्कैन तकनीक को समय की आवश्यकता बताया।

लाइफस्टाइल में बदलाव बना लिवर रोगों की जड़

कार्यशाला में सम्यक हॉस्पिटल के डॉ. के.एस. यादव, मैक्स हेल्थकेयर के डॉ. अंकुर गुप्ता और हेल्थ सिटी अस्पताल के डॉ. अरुण कुमार पांडेय* ने कहा कि आज की तेज रफ्तार जीवनशैली और शारीरिक सक्रियता की कमी, खासकर पैदल न चलने की आदत, लोगों में फैटी लिवर और सिरोसिस जैसी बीमारियों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने जोर दिया कि लोग अपने दैनिक जीवन में फिजिकल एक्टिविटी को जरूर शामिल करें।

फाइब्रोस्कैन: लिवर जांच की आधुनिक और सुरक्षित तकनीक

चिकित्सकों ने बताया कि फाइब्रोस्कैन एक गैर-सर्जिकल, दर्द रहित और तेज़ तकनीक है, जो लिवर की कठोरता (Stiffness) और उसमें मौजूद वसा की मात्रा (Fat Content) को मापती है। यह मशीन पारंपरिक बायोप्सी की तुलना में अधिक सहज और सटीक विकल्प प्रदान करती है, जिससे मरीज को किसी भी प्रकार की चीरफाड़ या अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता नहीं होती।  फाइब्रोस्कैन जांच की अनुमानित लागत: ₹1500 से ₹5000 तक (संस्थान पर निर्भर करता है)।

विशेषज्ञों ने बताया कि यह तकनीक फैटी लिवर, सिरोसिस और अन्य लिवर डिसऑर्डर की शुरुआती अवस्था में पहचान कर उपचार में सहायता करती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह: समय रहते जांच कराएं

सीएमई (कंटीन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) में डॉ. आलोक संगम और डॉ. राजू कुमार जैसे अनुभवी चिकित्सकों ने भी भाग लिया। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों और प्रतिनिधियों को जागरूक करते हुए कहा कि भारत में मोटापा और अल्कोहल-जनित लिवर समस्याएं बढ़ रही हैं, ऐसे में फाइब्रोस्कैन जैसे टूल्स की उपयोगिता और भी अधिक बढ़ जाती है।

कार्यक्रम का आयोजन और सहयोग

इस कार्यशाला का आयोजन निदान डायग्नोस्टिक के डॉ. एस.के. माथुर एवं मेडिवल मेडिकल इंडिया के श्रीकांत सिंह द्वारा किया गया। आयोजन का उद्देश्य चिकित्सकों को नवीनतम जांच तकनीकों से अवगत कराना और जनता तक इनकी पहुंच आसान बनाना रहा।

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