उत्तर प्रदेश में पहली बार मेदांता लखनऊ में रोबोटिक तकनीक से सफल हार्ट बायपास सर्जरी

सिर्फ 3 सेंटीमीटर के चीरे से बुज़ुर्ग मरीज़ को मिला नया जीवन — कम दर्द, तेज़ रिकवरी

 
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लखनऊ | हेल्थ डेस्क :  उत्तर प्रदेश में चिकित्सा जगत ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ में राज्य की पहली रोबोटिक हार्ट बायपास सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यह तकनीक अब तक केवल चुनिंदा बड़े मेडिकल सेंटर्स में ही उपलब्ध थी।

75 वर्षीय एक बुज़ुर्ग मरीज़, जिनकी तीन हृदय धमनियों में 90% से अधिक ब्लॉकेज था, पहले दिल का दौरा भी झेल चुके थे। उनकी दिल की कार्यक्षमता सामान्य 60% के मुकाबले घटकर 40-45% रह गई थी और दोबारा अटैक का खतरा बना हुआ था। बावजूद इसके, उन्होंने ओपन हार्ट सर्जरी से इनकार कर दिया था।

डॉ. गौरांग मजूमदार, डायरेक्टर – कार्डियक सर्जरी, मेदांता लखनऊ, ने बताया कि सर्जरी के लिए मरीज की मैमरी आर्टरी और ब्लड वेसेल्स को हार्वेस्ट किया गया और पसलियों के बीच केवल 3 सेंटीमीटर का चीरा देकर रोबोट की मदद से पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इस दौरान किसी भी हड्डी को नहीं काटा गया।
डॉ. गौरांग के अनुसार, “मरीज की रिकवरी आश्चर्यजनक रूप से तेज़ रही। सर्जरी के केवल 4-5 घंटे के भीतर वेंटिलेटर हटाया गया और अगली सुबह ही वे अपने पैरों पर चलने लगे। महज तीन दिन अस्पताल में रहने के बाद चौथे
दिन उन्हें छुट्टी दे दी गई।”

रोबोटिक हार्ट सर्जरी के फायदे:

सिर्फ 2-3 सेंटीमीटर का छोटा चीरा
कम रक्तस्राव और दर्द
बिना हड्डी कटे सर्जरी
अस्पताल में कम दिन रहना (3–5 दिन)
तेज़ रिकवरी (2–4 हफ्तों में सामान्य दिनचर्या में वापसी)

बड़े निशानों से बचाव

सर्जन को बेहतर विज़ुअल और नियंत्रण इस तकनीक में एक हाई-डेफिनिशन 3D कैमरा और उन्नत सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल होता है, जिससे सर्जरी अधिक सटीक और सुरक्षित बन जाती है। रोबोट के ज़रिए सर्जन एक विशेष कंसोल से ऑपरेशन करते हैं, जिससे शारीरिक थकान कम होती है और वे एक ही दिन में कई सर्जरी कर सकते हैं।
डॉ. गौरांग ने बताया कि देश में हर साल करीब 2 से 2.5 लाख बायपास सर्जरी की जाती हैं। रोबोटिक तकनीक उन मरीजों के लिए एक बेहतर विकल्प बनकर उभर रही है, जो ओपन सर्जरी से घबराते हैं या कम इनवेसिव प्रक्रिया की चाह रखते हैं।
हालांकि, यह तकनीक हर मरीज के लिए उपयुक्त नहीं होती। गंभीर हालत या हार्ट अटैक के बाद की इमरजेंसी सिचुएशन में पारंपरिक ओपन सर्जरी ही आवश्यक होती है। साथ ही, रोबोटिक सर्जरी के लिए डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण और अस्पताल में आधुनिक तकनीकी ढांचे की जरूरत होती है।
मेदांता लखनऊ द्वारा यह पहल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए हृदय रोगों के इलाज में नई दिशा और उम्मीद का प्रतीक है। यह तकनीक मरीजों के लिए सर्जरी को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित, कम दर्दभरी और जल्दी ठीक होने वाली बना रही है।

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