सुलतानपुर में "पुलिस ग्रीवांस रिड्रेसल यूनिट (PGRU)" का गठन – पुलिस कर्मियों की समस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में एक सार्थक कदम

Formation of "Police Grievance Redressal Unit (PGRU)" in Sultanpur – A meaningful step towards quick resolution of the problems of police personnel
 
Formation of "Police Grievance Redressal Unit (PGRU)" in Sultanpur – A meaningful step towards quick resolution of the problems of police personnel
लखनऊ डेस्क | आर.एल. पांडेय
उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार के निर्देश पर, सुलतानपुर जनपद में एक अभिनव पहल के अंतर्गत "पुलिस ग्रीवांस रिड्रेसल यूनिट (PGRU)" की स्थापना की गई है। इसका उद्देश्य पुलिस विभाग के कर्मचारियों की सेवा संबंधी समस्याओं का त्वरित, पारदर्शी और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करना है।

यूनिट की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. एकल खिड़की प्रणाली (Single Window System)
    यह यूनिट सुलतानपुर पुलिस कार्यालय में पुलिस अधीक्षक के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में कार्यरत है, जहाँ पुलिसकर्मियों की शिकायतों का समाधान एक ही स्थान पर किया जाता है।

  2. प्रभारी अधिकारी
    PGRU की जिम्मेदारी एक अनुभवी निरीक्षक को सौंपी गई है, जो पुलिस से संबंधित प्रक्रियाओं और नियमों की गहरी जानकारी रखते हैं।
     संपर्क करें: CUG नंबर – 7755068810

  3. किन समस्याओं का होता है समाधान?
    पुलिसकर्मी अपनी निम्नलिखित समस्याओं का समाधान इस यूनिट के माध्यम से करा सकते हैं:

    • वेतन विसंगति या एरियर भुगतान

    • इन्क्रीमेंट में देरी

    • GPF से संबंधित जटिलताएँ

    • कैरेक्टर रोल, नॉमिनी, पता या शैक्षिक अभिलेखों में बदलाव

    • चिकित्सा प्रतिपूर्ति

    • स्थानांतरण से संबंधित एलपीसी या चरित्र पंजिका में विलंब

    • अन्य सेवा संबंधी समस्याएँ

  4. समस्याएं दर्ज कराने के तरीके:
    पुलिसकर्मी निम्न माध्यमों से अपनी समस्याएं PGRU तक पहुँचा सकते हैं:

    • थाना या शाखा प्रभारी के माध्यम से प्रार्थना पत्र

    • किसी भी राजपत्रित अधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर

    • मासिक सैनिक सम्मेलन में समस्या बताकर

    • सीधे PGRU यूनिट में जाकर

    • या WhatsApp नंबर 7755068810 पर समस्या भेजकर

  5. समन्वय और फॉलो-अप की प्रक्रिया:
    पुलिसकर्मियों को विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होती। PGRU प्रभारी स्वयं संबंधित शाखाओं से संपर्क कर समस्या का समाधान करते हैं।
    आवश्यकता पड़ने पर अन्य जनपदों और विभागों से भी समन्वय स्थापित किया जाता है। पुलिस अधीक्षक स्वयं भी आवश्यकतानुसार संवाद करते हैं।

  6. दैनिक निगरानी और रिपोर्टिंग:
    प्रभारी अधिकारी प्रतिदिन पुलिस अधीक्षक को सभी लंबित और निस्तारित शिकायतों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।

  7. पुलिसकर्मी को जानकारी देना:
    समस्या का समाधान हो जाने पर संबंधित पुलिसकर्मी को फोन के माध्यम से सूचना दी जाती है।

  8. कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और शिविर:
    समय-समय पर विभिन्न थानों, पुलिस लाइन एवं कार्यालयों में सूचना शिविरों का आयोजन कर कर्मचारियों को कल्याणकारी योजनाओं एवं प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाती है।
    इन शिविरों में शाखा प्रतिनिधियों के माध्यम से सामान्य जानकारियाँ, जैसे GPF विवरण, भी प्रदान किए जाते हैं।

  9. सूचना का प्रचार-प्रसार:
    PGRU से संबंधित जानकारी वाले पैम्पलेट्स सभी थानों, शाखाओं और पुलिस लाइन में प्रदर्शित किए गए हैं ताकि सभी कर्मचारियों को इसकी जानकारी हो।

PGRU: पुलिस बल के लिए एक सशक्त संबल

यह यूनिट न केवल समस्याओं को सुलझाने में मददगार है, बल्कि यह विभाग के अंदर पारदर्शिता, जवाबदेही और कर्मचारी कल्याण को भी बढ़ावा देती है। उत्तर प्रदेश पुलिस की यह पहल अन्य जनपदों के लिए भी एक आदर्श मॉडल के रूप में उभर रही है।

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