सिविल डिफेंस वार्डेन क्षमता निर्माण प्रशिक्षण के चतुर्थ बैच का शुभारंभ
लखनऊ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान स्थित ‘मून हॉल’ में आज नागरिक सुरक्षा संगठन (Civil Defence) के वार्डेन क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम के चतुर्थ बैच का विधिवत शुभारंभ हुआ। इस बैच में कुल 90 वार्डेन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी एवं नियंत्रक नागरिक सुरक्षा, श्री विशाख जी (आईएएस) रहे। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इसके पश्चात चीफ वार्डेन अमरनाथ मिश्र ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।
प्रशिक्षण और मॉक ड्रिल की उपयोगिता पर जोर
प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्री विशाख जी ने नागरिक सुरक्षा वार्डेन की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए निरंतर प्रशिक्षण और अभ्यास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पुलिस लाइन में आयोजित पूर्व मॉक ड्रिल का उल्लेख करते हुए वार्डनों के अनुशासित एवं प्रभावी प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि इस तरह के अभ्यास समय-समय पर होते रहना चाहिए, ताकि आपदा के समय प्रतिक्रिया त्वरित और सटीक हो सके।
आम नागरिकों तक पहुंचेगा प्रशिक्षण
जिलाधिकारी ने घोषणा की कि शीघ्र ही विभिन्न अधिकारियों की बैठक आयोजित कर स्कूलों, कॉलेजों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) तथा भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सप्ताह में एक बार आम नागरिकों के लिए नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से आयोजित कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में नागरिक सुरक्षा संगठन की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
वार्डन की भूमिका: ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’
प्रशिक्षण लेक्चर के दौरान चीफ वार्डेन अमरनाथ मिश्र ने वार्डन सेवा के दायित्वों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि
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त्वरित प्रतिक्रिया: किसी भी आपदा की स्थिति में प्रशासनिक सहायता पहुंचने से पहले वार्डन ही ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ के रूप में प्राथमिक सहायता उपलब्ध कराते हैं।
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आपदा प्रबंधन: आग, बाढ़ या अन्य आपात स्थितियों में बचाव कार्यों का संचालन, घायलों को प्राथमिक उपचार देना और सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना वार्डनों की प्रमुख जिम्मेदारी है।
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शांति और समन्वय: अफवाहों पर रोक लगाना, लोगों में व्याप्त घबराहट को कम करना तथा राहत सामग्री जैसे भोजन और दवाइयों के वितरण में समन्वय स्थापित करना वार्डन सेवा का अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि वार्डन स्थानीय स्तर पर जनता के सीधे संपर्क में रहते हैं, इसलिए संकट के समय वे समाज के सबसे विश्वसनीय सहयोगी के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं।
प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित
कार्यक्रम में चीफ वार्डेन अमरनाथ मिश्र के साथ स्टाफ ऑफिसर टू चीफ वार्डेन ऋतुराज रस्तोगी, डीडब्ल्यू सुनील कुमार शुक्ला, नफीस अहमद, सुनील तिवारी, डीडीडब्ल्यू रामगोपाल सिंह, सुनील कर्मचंदानी, ऐश्वर्य शर्मा, उप नियंत्रक रवींद्र कुमार, एडीसी मनोज वर्मा, ऋषि कुमार, मुकेश कुमार, ममता रानी, रेखा पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी एवं प्रशिक्षु वार्डेन उपस्थित रहे।



