अभिव्यक्ति की आज़ादी

freedom of expression
 
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(सुधाकर आशावादी – विनायक फीचर्स)
वर्तमान युग प्रचार का युग है। अपनी अलग पहचान बनाने के लिए अब साधना नहीं, बल्कि कुछ-न-कुछ कारनामा करना पड़ता है, जिससे लोग चर्चा करने को मजबूर हो जाएँ। सेलिब्रिटी जैसा दिखने की चाह में व्यक्ति को लीक से हटकर नहीं, बल्कि लीक से लट्टू होकर चलना पड़ता है।

कभी पारदर्शी वस्त्र पहनकर आकर्षण का केंद्र बनना पड़ता है, तो कभी स्वयंवर रचाकर स्वयं को हूर की परी समझना आवश्यक हो जाता है। कभी किसी प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रामा करना पड़ता है, तो कभी किसी आलीशान हवेली के परिसर में अपने पालतू को घुसाने के लिए खुद भी उसी श्रेणी का प्राणी बन जाना पड़ता है—पालतू की आवाज में उसकी पैरवी करते हुए!

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यानी, दूसरों से अलग दिखने के लिए व्यक्ति को बेशर्मी की चादर ओढ़कर बेहयाई की सड़क पर निडर होकर चलना पड़ता है। उसे इस बात से कोई सरोकार नहीं कि लोग क्या कहेंगे—क्योंकि उसका उद्देश्य सिर्फ इतना है कि लोग कुछ कहें।
आजकल यही चल रहा है! अभिव्यक्ति की आज़ादी जो ठहरी—चाहे विचारों से व्यक्त हो या आचरण से, लक्ष्य एक ही: लोग ध्यान दें। समर्थन करें या विरोध, पर चर्चा जरूर करें।
मोबाइल में रील बनाने के विकल्प ने तो हर दूसरे व्यक्ति को सेलिब्रिटी बनने का लाइसेंस दे दिया है। कौन कब निर्माता, निर्देशक, नायक—या तीनों—बन जाए, कहा नहीं जा सकता।
मेरे एक मित्र हैं। मजाकिया अंदाज में कुछ रील बना डालीं। दो-चार लोगों ने हँस दिया। बस, वे अपने आपको हास्य कलाकार समझने लगे। कब उनका हास्य ‘हास्य’ से फिसलकर ‘अश्लीलता’ में बदल गया—उन्हें पता ही न चला। पता तब चला, जब उनके खिलाफ रिपोर्ट लिख दी गई। यही है अभिव्यक्ति की आज़ादी का नया गणित—कब किसकी अभिव्यक्ति किसी और की अभिव्यक्ति पर भारी पड़ जाए, कोई नहीं जानता।
एक बार एक प्रख्यात चित्रकार ने अभिव्यक्ति के नाम पर धार्मिक आस्थाओं का मज़ाक उड़ा दिया। नतीजा—आस्थावानों ने उनके स्टूडियो और घर पर हमला बोल दिया। बाद में हंगामा हुआ कि हमला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हुआ। समर्थकों ने तर्क दिया—अभिव्यक्ति की आज़ादी सबको है, किसी एक की बपौती नहीं!
सच भी यही है—अगर हम आज़ाद हैं, तो अभिव्यक्ति भी आज़ाद है। लेकिन यह आज़ादी किसी एक वर्ग—राजनेता, अभिनेता, यूट्यूबर, पत्रकार—या किसी एक विचारधारा की निजी संपत्ति नहीं हो सकती। अभिव्यक्ति की आज़ादी सबकी है—और सब अपने-अपने ढंग से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

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