31 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक समालखा बनेगा श्रद्धा एवं भक्ति का केंद्र

समालखा, 29 अक्तूबर, 2025। जहाँ आज की दुनिया जाति, धर्म, भाषा और विचारों की सीमाओं में उलझी हुई है, वहीं संत निरंकारी मिशन समरसता, प्रेम और मानवता की भावना को निरंतर प्रोत्साहित कर रहा है। इसी कड़ी में, सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन सान्निध्य में मिशन का 78वाँ वार्षिक निरंकारी संत समागम 31 अक्टूबर से 3 नवम्बर, 2025 तक संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा (हरियाणा) में आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष के समागम की मूल प्रेरणा 'आत्ममंथन' है, जिसका उद्देश्य आत्मचिंतन और आंतरिक जागरूकता को बढ़ावा देना है।
भव्य आयोजन और व्यापक व्यवस्थाएँ
लगभग 650 एकड़ क्षेत्र में आयोजित इस आध्यात्मिक समागम में भारत और विदेशों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और विशिष्ट अतिथि शामिल होंगे।
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लाइव प्रसारण: जो श्रद्धालु समागम स्थल पर उपस्थित नहीं हो सकेंगे, वे निरंकारी मिशन की वेबसाइट और यूट्यूब चैनल के माध्यम से इस दिव्य आयोजन का सीधा प्रसारण देखकर आध्यात्मिक आनंद प्राप्त कर सकेंगे।
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सेवादल का समर्पण: समागम की सभी व्यवस्थाएँ संत निरंकारी सेवादल के निःस्वार्थ और समर्पित स्वयंसेवकों द्वारा संचालित की जा रही हैं, जो 28 सितंबर से लगातार सेवा में लगे हुए हैं।
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व्यवस्थाएँ: निरंकारी समागम कमेटी के कॉर्डिनेटर श्री जोगिन्दर सुखीजा ने बताया कि लगभग 1 लाख सेवादार लंगर (भोजन), कैंटीन, शौचालय, यातायात, चिकित्सा, एम्बुलेंस, पार्किंग, सुरक्षा और ठहरने सहित सभी आवश्यक सेवाओं की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। यह सेवाभाव ही मिशन की विशेष पहचान है।

मुख्य कार्यक्रम और विशेष आकर्षण
संत समागम के चारों दिन मुख्य कार्यक्रम दोपहर 3:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक आयोजित होंगे:
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मुख्य सत्र: इनमें सभी आयु वर्ग के श्रद्धालु और वक्ता आध्यात्मिक विचारों को प्रस्तुत करेंगे।
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भक्ति संगीत: प्रख्यात संगीतज्ञों द्वारा भक्ति संगीत की अमृत वर्षा की जाएगी।
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रूहानी कवि दरबार: हमेशा की तरह, इस वर्ष भी रूहानी कवि दरबार समागम का विशेष आकर्षण रहेगा, जहाँ प्रेम, सेवा और समर्पण की भावनाओं को काव्यात्मक अभिव्यक्ति मिलेगी।

प्रदर्शनी और प्रेरणादायक साहित्य
समागम स्थल पर एक सुंदर एवं ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जो संत निरंकारी मिशन के इतिहास, सिद्धांतों और सामाजिक व आध्यात्मिक प्रयासों को रचनात्मक रूप से दर्शाएगी। इसके अतिरिक्त, मिशन के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित साहित्य, प्रेरणादायक पुस्तकें एवं पत्रिकाएँ भी उपलब्ध रहेंगी, जिससे श्रद्धालु मिशन की शिक्षाओं को और गहराई से समझ सकें। हरियाणा राज्य की विभिन्न प्रशासनिक इकाइयाँ भी इस आयोजन को सुचारु और सुरक्षित बनाने में सक्रिय रूप से सहयोग कर रही हैं। यह समागम मानवता, प्रेम और आध्यात्मिकता को एक सूत्र में पिरोने का एक पावन अवसर है। इस दिव्य संगम में सभी श्रद्धालुओं एवं मानवता प्रेमियों का हार्दिक अभिनंदन है।
