एस०जी०पी०जी०आई० के एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करके लगभग 02 करोड़ रूपये की ठगी करने वाले गैंग के 02 सदस्य जनपद लखनऊ से गिरफ्तार

Two members of the gang who defrauded an Associate Professor of SGPGI of about Rs. 2 crore by digitally arresting him were arrested from Lucknow district.
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ (आर एल पाण्डेय)। एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को एस०जी०पी०जी०आई० के एसोसिएट प्रोफेसर को डिजिटल अरेस्ट करके लगभग 02 करोड़ रूपये की ठगी करने वाले गैंग के 02 सदस्यों को जनपद लखनऊ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः-

1. लोकेश जैन पुत्र कोमल सिंह, नि० मूल पत्ता 96 तम्बोली मोहल्ला झलरापाटन झालावाड़ राजस्थान। हाल पता 1285/11 मालवीय नगर थाना मालवीय नगर जयपुर राजस्थान।

2. पवन जैन पुत्र अनिल कुमार जैन, नि० कालदी देवरा, थाना बूँदी राजस्थान।

बरामदगी-

1. 9,91,000/- रू० नगद।

2. 03 अदद मोबाइल फोन।

3. एक अदद चार पहिया वाहन आर०जे0-45, सी0ई-6683 (फॉक्सवैगन एमिओ)

एस०टी०एफ०, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से सोशल मीडिया के माध्यम से कॉल करके स्वयं को पुलिस/ई०डी०/सी०बी०आई० आदि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को डरा-धमकाकर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ०प्र० की विभिन्न टीमों/ इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में श्री दीपक कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, एस०टी०एफ०, उ०प्र० के निर्देशन मे टीम गठित द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

विगत दिनों एस०पी०जी०आई० लखनऊ के एसोसिएट प्रोफेसर के मोबाइल पर किसी अज्ञात नम्बर से काल आया। जिस पर उनके द्वारा काल रिसीव करने पर कॉलर द्वारा स्वयं को सी०बी०आई० मुम्बई का पुलिस अधिकारी बताकर कहा गया कि मनी लाड्रिंग का केस हुआ जिसमें आपके खाते का इस्तेमाल किया गया है। इसी तरह बात करके उनको प्रभाव में लेते हुए बैंक व उनकी सारी डिटेल प्राप्त कर लिया गया। जिसके उपरान्त लगभग 05 दिन से अधिक समय तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके रखा गया एवं उनके खाते से लगभग 02 करोड़ से अधिक का पैसा विभिन्न खातो में ट्रान्सफर कर लिया गया। जब इनको इस बात का एहसास हुआ कि मेरे साथ ठगी की घटना हो गयी है तब इनके द्वारा थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में मु0अ0सं0 132/2024 धारा 319 (2), 318(2), 338, 336, 340, 61 (1) अ बी०एन०एस० व 66 डी आई०एक्ट० का अभियोग पंजीकृत कराया गया।

अभिसूचना संकलन के क्रम में तकनीकी विशेषज्ञता एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि स्वयं को पुलिस अधिकारी / सी०बी०आई० अधिकारी बनकर ठगी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य शालीमार वन वर्ल्ड, शहीद पथ के पास मौजूद हैं, यदि जल्दी किया जाय तो पकड़े जा सकते हैं इस सूचना पर उ०नि० श्री तेजबहादुर सिहं के नेतृत्व में मु०आ० कृष्ण कान्त शुक्ला, तथा मु०आ० सुनील यादव की टीम द्वारा उक्त स्थान पर पहुँच कर, मुखबिर की निशादेही पर उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पछूताछ में बताया कि इन लोगों के गिरोह ने एस०जी०पी०जी० के एक डॉक्टर के मोबाईल नम्बर पर काल करके खुद को पुलिस/सीबीआई अधिकारी बताकर उन्हे डराते-धमकाते हुए उनकी व्यक्तिगत जानकारी लेकर उनके खाते से रूपये ट्रांसफर कराकर, गैंग के सदस्यों द्वारा अरेंज किये हुए अलग-अलग लोगों के खातों में रूपये ट्रांसफर कर दिये थे. इन लोगों के पास मिले रूपये उन्ही खातों से निकाल कर लाये थे, इन रूपयों को गिरोह के सदस्यों को देना था तथा फिर यह लोग आपस मे मिलकर रूपये बाँट लेते है।

अभियुक्तों द्वारा बताये गये बैंक खाते, वालेट आदि की जानकारी व गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फॉरेसिंक परीक्षण कराया जायेगा। उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना साइबर क्राइम, लखनऊ में पंजीकृत मु0अ0सं0 132/2024 धारा 319 (2), 318(2), 338, 336, 340, 61(1) अ बी०एन०एस० व 66 डी आई०एक्ट० में दाखिल किया जा रहा है। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जायेगी।

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