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पापियों का विनाश कर धर्म की स्थापना के लिए प्रभु लेते हैं अवतार : आचार्य कौशल

कथा- व्यास अयोध्या के आचार्य कौशल किशोर मिश्र ने कहा कि द्वापर युग में धरती पर व्याप्त अनाचार खत्म करने के लिए दुराचारियों का विनाश एवं समाज में धर्म मर्यादा युक्त सदाचार की स्थापना के लिए योगेश्वर श्रीकृष्ण ने अवतार लिया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण चंद्र वंश में अवतार लिया था। भाद्रपद का महीना, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, दिन बुधवार अर्द्ध रात्रि बारह बजे के समय चतुर्भुज स्वरूप में शंख चक्र गदा एवं पद्म धारण कर योगेश्वर श्रीकृष्ण ने मामा कंस के कारागार में कैद पिता वसुदेव माता देवकी के पुत्र रूप में अवतार लिया। माता पिता ने भगवान के दिव्य स्वरूप की वंदना कर उनसे बालरूप में आने का अनुरोध किया। भगवान कृष्ण की कथा के साथ आयोजित जन्मोत्सव में श्रद्धालुओं ने भाव विभोर होकर नृत्य व गायन किया।
कथा में माया शुक्ला, जयप्रकाश शुक्ल एड., प्रेमादेवी शुक्ला, डा.श्रद्धा शुक्ला, शांति देवी, शिवकुमार दूबे, संतोष कुमार मिश्र, शेषमणि मिश्र, उत्तम प्रसाद शुक्ल, पेशकार तिवारी, संजय मिश्र, विजय कुमार श्रीवास्तव, विनोद कुमार पांडेय, सुषमा मिश्रा,हरिशंकर मिश्रा, कृष्ण कुमार पांडेय एवं भूपेंद्र कुमार मिश्र उपस्थित रहे।
बाक्स/ इनसेट
जन्मोत्सव में संगीत की रही धूम :
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में अयोध्या से आए संगीतकारों ने अपनी प्रस्तुति से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में रंग जमा दिया। भजन गायक आचार्य विकास के समधुर गीतों पर तबला पर संचित तिवारी ने संगत दिया। मुख्य आचार्य राघवेंद्र शरण के निर्देशन में संगीतकारों ने जन्मोत्सव को शास्त्रीय शैली में नई ऊंचाइयां दी।