मध्यप्रदेश राज्य अभिलेखागार की स्वर्ण जयंती: 50 वर्षों की अभिलेखीय यात्रा का भव्य उत्सव

Madhya Pradesh State Archives' Golden Jubilee: A grand celebration of 50 years of archival journey.
 
Madhya Pradesh State Archives' Golden Jubilee: A grand celebration of 50 years of archival journey.

भोपाल।
पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय संचालनालय (डीएएएम), मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश राज्य अभिलेखागार की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राज्य संग्रहालय, भोपाल में स्वर्ण जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन राज्य की प्रशासनिक स्मृति, ऐतिहासिक दस्तावेजों और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की पाँच दशकों की निरंतर साधना को समर्पित रहा।समारोह के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश शासन के पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की सचिव श्रीमती उर्मिला शुक्ला ने की।

दुर्लभ अभिलेखों की प्रदर्शनी बनी आकर्षण

स्वर्ण जयंती के अवसर पर विशिष्ट एवं दुर्लभ अभिलेखीय दस्तावेजों की विशेष प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें मध्यप्रदेश की समृद्ध प्रशासनिक एवं ऐतिहासिक विरासत की झलक देखने को मिली। प्रदर्शनी ने दर्शकों को अभिलेखों के महत्व और उनके संरक्षण की आवश्यकता से रूबरू कराया।

इस अवसर पर राज्य अभिलेखागार को सशक्त बनाने में योगदान देने वाले पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों —
श्री एस. डी. गुरु (पूर्व संचालक),
श्री आर. के. नायक (पूर्व संचालक) एवं
डॉ. गीता सभरवाल (पूर्व उप संचालक)
को सम्मानित किया गया।

विचार नेतृत्व व्याख्यान श्रृंखला

कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण “सांस्कृतिक विरासत एवं लोकतंत्र को सुदृढ़ करने में अभिलेखागार में नेतृत्व एवं नवाचार” विषय पर आयोजित विचार नेतृत्व व्याख्यान रहा।

इस सत्र में

  • डॉ. संजय गर्ग, सेवानिवृत्त उप निदेशक, राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली

  • श्री राजीव लोचन साहू, सेवानिवृत्त मुख्य आर्किविस्ट एवं जनरल मैनेजर, आरबीआई अभिलेखागार, भुवनेश्वर

ने अपने विचार साझा किए। वक्ताओं ने अभिलेखीय नीति, रिकॉर्ड प्रबंधन, अभिलेखों के अवर्गीकरण, सार्वजनिक पहुँच और ऐतिहासिक शोध में अभिलेखागार की भूमिका जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

डॉ. संजय गर्ग ने भारतीय अभिलेखागार के विकासक्रम पर प्रकाश डालते हुए 1926 में अभिलेखों के कोलकाता से नई दिल्ली स्थानांतरण का उल्लेख किया और अभिलेखों को राष्ट्रीय स्मृति की आधारशिला बताया।
वहीं श्री राजीव लोचन साहू ने अभिलेखागार कर्मियों को सांस्कृतिक विरासत का संरक्षक बताते हुए सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया।

शासन की प्रतिबद्धता पर जोर

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती उर्मिला शुक्ला ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन विरासत संरक्षण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने अभ्युदय एमपी पहल, बजटीय सहयोग और इस तथ्य का उल्लेख किया कि अभिलेखों की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि अब तक एक करोड़ से अधिक अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है और अभिलेख केवल दस्तावेज नहीं, बल्कि जीवंत विरासत हैं।

मुख्य अतिथि श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने डीएएएम और राज्य अभिलेखागार को स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि अभिलेख राष्ट्र की मार्गदर्शक रोशनी होते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में विरासत संरक्षण के प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश राज्य अभिलेखागार ने देश की अभिलेखीय धरोहर को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाई है।

वृत्तचित्र के साथ समापन

कार्यक्रम का समापन मध्यप्रदेश की अभिलेखीय विरासत पर आधारित लघु वृत्तचित्र के प्रदर्शन के साथ हुआ। अंत में उप संचालक श्री निलेश लोखंडे ने सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं अभिलेखागार कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर संचालनालय ने अतीत की धरोहर को संरक्षित रखने, अभिलेखों के पेशेवर प्रबंधन तथा भावी पीढ़ियों के लिए उन्हें सुलभ और प्रासंगिक बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराया।

Tags