गोरखपुर के पडरौना को बड़ी रेल सौगात: 12 दिसंबर से शुरू होगा छपरा–अमृतसर एक्सप्रेस का ठहराव

पडरौना की रेल कनेक्टिविटी और मजबूत
रेल मंत्री ने बताया कि पडरौना पहले से ही गोरखपुर और थावे जंक्शन के माध्यम से राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ा है। यहां से वर्तमान में
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4 जोड़ी मेल/एक्सप्रेस
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4 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें
चालित हैं, जो दिल्ली, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, अजमेर, अहमदाबाद और पटना जैसे प्रमुख शहरों तक सुगम यात्रा उपलब्ध कराती हैं।
आने वाले समय में क्षेत्र की रेलवे सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए दो अहम परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं—
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गोरखपुर–वाल्मिकीनगर दोहरीकरण (96 किमी)
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छितौनी–तमकुही रोड नई रेल लाइन (63 किमी)
ये परियोजनाएँ पूर्वांचल के रेल नेटवर्क को और गति देंगी।
5 वर्षों में रेल विकास के नए कीर्तिमान
रेल मंत्री के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 से 2025-26 के बीच भारतीय रेल ने व्यापक स्तर पर नेटवर्क विस्तार किया है।
इस अवधि में:
मीटर गेज से ब्रॉड गेज रूपांतरण
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21 परियोजनाएँ पूरी
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कुल लंबाई: 2,617 किमी
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कुल लागत: ₹19,485 करोड़
नई ब्रॉड गेज परियोजनाएँ
क्षेत्रीय संपर्क और जिला मुख्यालयों को बड़े शहरों से जोड़ने के उद्देश्य से—
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18 नई परियोजनाएँ स्वीकृत
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लंबाई: 755 किमी
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कुल लागत: ₹8,273 करोड़
इन परियोजनाओं से पूरे देश में यात्रियों की सुविधा, रेल संपर्क और माल ढुलाई क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश में रेलवे निवेश में रिकॉर्ड वृद्धि
उप्र में रेलवे अवसंरचना को पिछले दशक में अभूतपूर्व गति मिली है।
बजट आवंटन में भारी वृद्धि
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2009–14 में औसत आवंटन: ₹1,109 करोड़ प्रतिवर्ष
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2025–26 में आवंटन: ₹19,858 करोड़
यानी लगभग 18 गुना वृद्धि
रेललाइन निर्माण की गति दोगुनी से अधिक
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2009–14 में 996 किमी (199 किमी/वर्ष)
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2014–25 में 5,272 किमी (479 किमी/वर्ष)
बड़ी परियोजनाएँ और प्रगति
1 अप्रैल 2025 तक—
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49 रेलवे परियोजनाएँ स्वीकृत (कुल लागत ₹62,360 करोड़)
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1,323 किमी रेललाइन चालू
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₹30,611 करोड़ से अधिक व्यय
